Bihar: कटिहार में फसल के साथ गंगा में रोज समा रही जमीन, कटाव की समस्या से त्रस्त हैं इस गांव के किसान…
Bihar News: कटिहार के कुरसेला में किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रहा. कमलाकांही गांव के मलदा धार के पार गंगा नदी में कटाव का प्रकोप इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि अब उनके खेत फसलों के साथ ही नदी में समा रहे हैं.
Bihar News: कटिहार के कुरसेला में किसान कटाव की मार से त्रस्त हैं. उनकी जमीन रोजाना नदी की जद में समा रही है. वहीं अब कटाव इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि अब जिस जमीन पर वो फसल उगा चुके हैं वो जमीन फसल समेत नदी में समा रही है. किसान कर्ज लेकर किसी तरह खेती कर रहे हैं लेकिन उनकी मुसीबत अब और अधिक बढ़ रही है. कटाव से पांच सौ एकड़ से अधिक जमीन नदी में समा चुकी है.
सैंकड़ों एकड़ जमीन कटाव की भेंट चढ़े
कमलाकांही गांव के मलदा धार के पार गंगा नदी में कटाव का प्रकोप तेज हो गया है. सैकड़ों एकड़ में लगे मक्का गेहूं के लहलहाता फसल नदी में समाहित होता जा रहा है. फसल लगे खेतों के नदी में समाहित होने से किसानो के चेहेरे पर मायुसी छाई हुई है.किसानों के खेत कटने के साथ फसल भी गंगा में समाता जा रहा है. बताया गया कि अब तक फसल लगे सैंकड़ों एकड़ जमीन कटाव की भेंट चढ़ चुके हैं. कृषकों ने कर्ज लेकर मक्का गेहूं की खेती किया था. किसानो के लागत पुंजी मेहनत पर कटाव ने पानी फेर दिया. फसलों के साथ किसानो को खेत से भी हाथ धोना पड़ रहा है.
बढ़ते कटाव से किसानों के बीच दहशत
बताया गया कि नदी में कटाव का प्रकोप पिछले कई महीनों से बना हुआ है. कमलाकांही गांव के लोगों ने बताया कि कटाव से पांच सौ एकड़ से अधिक जमीन नदी के कटाव में समा गया है. नदी के आस पास कमलाकांही बसुहार मजदिया समेली आदि गांवो के किसानों ने खेती कर रखी है. बढ़ते कटाव से किसानों के बीच दहशत है. किसानो खेतो के कटने के सिलसिले से त्राहिमाम मचा हुआ है.लहलहाते फसलों को नदी में समाहित होते देख किसानों को भविष्य की चिंता सता रही है.
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कटाव निरोधी कार्य करने की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि समय रहते कटाव निरोधी कार्य नहीं किये जाने की स्थिति में किसानो के बांकी बचे सैंकड़ों एकड़ फसल लगे खेत नदी के कटाव का भेंट चढ़ जायेगा. उन्होने राज्य सरकार से अविलंब कटाव निरोधी कार्य करने का मांग किया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan