Bihar Flood: भागलपुर के तिनटंगा दियारा में कटाव से हाहाकार, भरभरा कर गंगा में समा रहे घर, पलायन जारी
Bhagalpur Flood News: रंगरा प्रखंड के तिनटंगा दियारा पंचायत के ज्ञानी दास टोला में 1 सप्ताह पूर्व से ही भीषण कटाव हो रहा है. 150 से भी अधिक लोगों का घर गंगा के कटाव का भेंट चढ़ चुका है. अब तक लगभग 200 परिवार यहां से पलायन कर चुके हैं.
Bhagalpur Flood News: पुलिस जिला नवगछिया अंतर्गत रंगरा प्रखंड के तिनटंगा दियारा पंचायत के ज्ञानी दास टोला में 1 सप्ताह पूर्व से ही भीषण कटाव शुरू हो गया है. चार दिन पूर्व लगभग आधे दर्जन घर कटाव की भेंट चढ़ चुका था. वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को बीते 24 घंटे के दौरान अब तक 5 लोगों का घर नदी में समा चुका है. यहां से रोज अब लोग पलायन करने को मजबूर हैं.
तीन वर्षों से कटाव अनवरत जारी
बताते चलें कि बीते तीन वर्षों से रंगरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत तीनटंगा दियारा दक्षिणी पंचायत के ज्ञानी दास टोला में कटाव अनवरत जारी है. परंतु पिछले दो वर्षों से हो रहे लगातार तेज कटाव होने से अब तक 150 से भी अधिक लोगों का घर गंगा के कटाव का भेंट चढ़ चुका है. इसके अलावे दियारा वासीयों का हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन नदी के गर्भ में समा चुका है.
अधिकांश लोग महादलित परिवार के
कटाव की मार से बेहाल हो चुुुके इनमें से अधिकांश लोग महादलित परिवार के हैं. विगत कुछ माह पूर्व से कटाव का कहर इस कदर जारी है कि पंचायत का आधा हिस्सा कटाव के मुहाने पर आ गया है. कटाव के मुहाने पर आ चुके दर्जनों परिवार भी अपना घर बार कटने से पहले ही सब कुछ छोड़ कर यहां से पलायन कर चुके हैं. अनुमानतः अब तक लगभग 200 परिवार यहां से अन्यत्र पलायन कर चुके हैं.
कहते हैं कटाव पीड़ित परिवार
इस सम्बंध में कटाव पीड़ित महेंद्र राम ने बताया कि पिछ्ले वर्ष 2020 और 21 में जिन लोगों का घर कटाव की भेंट चढ़ गया था, उनमें से अधिकतर महादलित परिवार के हीं है. हालांकि बहुत सारे कटाव से विस्थापित परिवार पूर्णियां के रुपौली, कटिहार के फलका, पोठिया, भागलपुर के ओरियप, नवगछिया आदि जगहों पर चले गए हैं.
शेष बचे परिवारों के पास जमीन और अन्य विकल्प नहीं रहने के कारण आसपास के विद्यालयों में एवं संत विनोबा उच्च विद्यालय के मैदान में शरण लिए हैं जहां प्लास्टिक और बोरा टांग कर अपना जीवन बिता रहे हैं. वहीं मसोमात अगिया देवी कहती हैं हमलोग कटाव पीड़ित परिवार मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहें हैं.
बाढ़ पीड़ितों की समस्या
बाढ़ पीड़ित कहते हैं कि हमलोगों को न तो शुद्ध पानी पीने को मिल रहा है और ना ही शौचालय नसीब है. यहां तक कि हमलोग धूप बरसात में अपने बच्चों को लेकर पास के किसी सरकारी भवन में सर छुपाने को मजबूर हैं. रात के अंधेरों में मोमबत्ती या डिबिया जलाकर रात बिताते हैं.
मदद की गुहार लगाने का भी नहीं मिला फायदा
निर्मला देवी पति सुरेश रविदास कहती हैं हमलोगों का घर बार, ज़मीन और जमा पुंजी सब गंगा मैया ने छीन लिया है. खाने और पहनने के भी लाले पड़ गए है. वहीँ दूसरी ओर अन्य विस्थापित परिवार के लोगों नें बताया कि पिछले वर्ष 2021 में हीं प्रखंड से लेकर जिला तक के सभी वरीय पदाधिकारियों को हमलोगों ने आवेदन देकर मदद की गुहार लगाई थी. परंतु 1 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी अब तक हमलोगों को कुछ भी नहीं मिल पाया है. लिहाजा पीड़ित परिवार मदद की आश में प्रशासन की ओर टकटकी लगाए हुए हैं कि कब उन्हें मदद के तौर पर जमीन का एक टुकड़ा मिल जाए, जिस पर एक झोपड़ी बनाकर अपने परिवार का सर ढंक सके
कहते हैं जनप्रतिनिधि
तीनटंगा दियारा दक्षिणी पंचायत के मुखिया गणेश प्रसाद मंडल ने बताया कि पीड़ित परिवारों को सहायता देने के लिए पिछले वर्ष पंचायत स्तर पर आम सभा की बैठक में प्रस्ताव पारित कर कटाव पीड़ित परिवार को पंचायत स्तर पर चिन्हित कर अंचलाधिकारी एवं जिलाधिकारी को जमीन मुहैया करवाने के लिए सूची सौंपी गई थी. अब जबकि सैकड़ों घर इस वर्ष के भीषण कटाव में फिर समा गए हैं. मगर अबतक कोई देखने वाला नहीं है.
(नवगछिया से अंजनी कुमार कश्यप की रिपोर्ट)
Published By: Thakur Shaktilochan