Bihar News, ESIC News: बिहार के निजी संस्थानों, दुकान और अन्य कारोबार करने वाले अगर 10 या इससे अधिक कर्मचारी रखते हैं, तो उन्हें हर हाल ईएसआइसी (ESIC) का लाभ देना ही होगा. ऐसा नहीं करने पर अगर शिकायत मिली, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. लॉकडाउन के बाद 100 से अधिक लोगों ने श्रम संसाधन विभाग को इस संबंध में शिकायत की है. इसके बाद श्रम मंत्री जिवेश कुमार ने समीक्षा बैठक कर दिशा निर्देश दिया है.
श्रम अधिनियम के अनुसार 10 या इससे अधिक कर्मचारी वाले संस्थानों में काम करने वाले को ईएसआइसी यानी कर्मचारी राज्य बीमा निगम का लाभ मिलना है. बिहार में कारखाना या बड़ी संस्थाओं को छोड़ दें, तो इस नियम का पालन नहीं होता है.
कई बार शैक्षणिक संस्थानों की ओर से भी ईएसआइसी का लाभ नहीं दिये जाने की शिकायत आती है. वहीं, अधिकतर लोग नौकरी जाने के भय से इसकी शिकायत नहीं करते हैं. इसलिए ईएसआइसी ने तय किया है कि नये वित्तीय वर्ष में वह और गंभीरता के साथ इस पर काम करेगा.
ईएसआइसी अब राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में वैसे संस्थानों पर नजर रखेगा जहां 10 से अधिक कर्मचारी काम कर सकते हैं.खासकर मॉल, शैक्षणिक संगठन की सूची जिलावार तैयार करने की रणनीति बन रही है. देखा जायेगा कि इसमें कौन ईएसआइसी के दायरे में है और कौन नहीं.
बता दें कि नियम के अनुसार कोई भी शख्स चाहे तो वह ईएसआइसी का लाभ नहीं मिलने की शिकायत कर सकता है. वह चाहे तो अपनी पहचान गोपनीय रख सकता है. उस शिकायत के आधार पर ही इएसआइसी कार्रवाई कर लेगा.
ईएसआइसी में आने पर कर्मियों को बीमा की सुविधा मिल जाती है. दुर्घटना में मौत हो तो परिजनों को आर्थिक सहायता मिलती है.चोट लगने या बीमार होने पर इएसआइसी के दायरे में आये कर्मियों का सरकारी खर्चे पर इलाज होता है. कर्मचारी के परिजनों का भी इलाज होता है.
Posted By: Utpal kant