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बिहार प्रशासनिक सेवा संघ का निबंधन रद्द, सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के विरुद्ध काम करने का लगा आरोप

बिहार लोक सेवा एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) में ट्रेनिंग कर रहे बिप्रसे के एक अधिकारी की मौत ट्रैकिंग के दौरान हो गयी थी. उसके बाद बासा द्वारा ट्रेनिंग प्रक्रिया को मिलिट्री जैसी ट्रेनिंग कहे जाने और इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की जाने का मामला गरमा गया था.

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने बिहार प्रशासनिक सेवा संघ (बासा) का निबंधन रद्द कर दिया है. विभाग ने बासा पर सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के प्रावधान अनुसार काम नहीं करने और कार्यकलापों में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है. विभाग के अनुसार, संघ अपने ही बनाये बायलॉज के विरुद्ध काम कर रहा है. इधर, बासा के पदाधिकारियों ने इस आदेश को तुगलकी फरमान बताया और कहा कि यह तानाशाही आदेश है.

बासा द्वारा ट्रेनिंग प्रक्रिया को लेकर गरमाया था मामला 

दरअसल, दिसंबर 2022 में बिहार लोक सेवा एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) में ट्रेनिंग कर रहे बिप्रसे के एक अधिकारी की मौत ट्रैकिंग के दौरान हो गयी थी. उसके बाद बासा द्वारा ट्रेनिंग प्रक्रिया को मिलिट्री जैसी ट्रेनिंग कहे जाने और इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की जाने का मामला गरमा गया था.

बासा को जारी किया गया था नोटिस 

उल्लेखनीय है कि बिपार्ड के महानिदेशक के प्रभार में भी मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक हैं. उसके बाद बिपार्ड ने बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रस) के पदाधिकारियों की ट्रेनिंग को रद्द कर दिया. इस संबंध में संस्थान के महानिदेशक केके पाठक ने विज्ञप्ति जारी की थी. विभाग ने इसको लेकर बासा को नोटिस भी जारी किया था. इसमें बासा की कार्यकारिणी की बैठक और उसके बायलॉज के बारे में कई सवाल पूछे गये थे. निबंधन विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि बासा ने पूछे गये सवाल का उचित जवाब नहीं दिया है. अपने बायलॉज के विरुद्ध कार्य कर रहा है, इसलिए निबंधन रद्द किया जा रहा है.

निबंधन विभाग ने बासा के पैनी नजर रखने को बनाया है आधार

मधुबनी में एसडीओ और जिला कृषि पदाधिकारी के बीच हुई हाथापाई का मामला भी गरमा गया था. कृषि सेवा के अधिकारियों द्वारा हड़ताल की धमकी देने के बाद सरकार पर तत्कालीन कृषि मंत्री एसडीओ पर कार्रवाई का दबाव बनाये जाने लगे थे. एसडीओ के समर्थन में बासा भी उतरी और कहा कि सारी चीजों पर पैनी नजर है. इस पैनी नजर बाले बयान को निबंधन विभाग ने संज्ञान में लिया और उस समय बासा से यह सवाल पूछा गया कि क्या बासा के बायलॉज में पैनी नजर रखने वाले विषय का उल्लेख है. नहीं तो क्यों न आपका निबंधन रद्द कर दिया जाए.

बासा से मांगा गया था जवाब 

शोकॉज करते हुए बासा से जवाब मांगा गया था. बासा ने निबंधन रद्द करने को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग का तुगलकी फरमान बताया. यह निबंधन विभाग का तानाशाही रवैया है. बासा के महासचिव सुनील कुमार तिवारी ने बताया कि निबंधन विभाग द्वारा बासा का निबंधन रद्द किया जाना नियम विरुद्ध है.

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