बिहार में कैसे सफल हो शराबबंदी, जब पुलिस ही पैसे के लिए अंधी ! देख लीजिए कैमूर का हाल
Bihar crime: कैमूर एसपी (Kaimur SP) राकेश कुमार को गुप्त सूचना मिली थी कि तीनों अधिकारी शराब को बारमद कर सरकारी कागज में कम मात्रा दिखाकर आपस में शराब को बांट लेते थे और बाद में बड़े शातिर अंदाज में इसे बेच दिया करते थे. जांच के आधार पर तीन अधिकारियों की करतूत सामने आई.
कैमूर: शराबबंदी कानून वाले बिहार में केवल तस्कर ही नहीं पुलिस भी कुछ कम नहीं है. दरअसल, जिस उत्पाद विभाग को शराबबंदी की जिम्मेवारी दी गई है उसी उत्पाद विभाग के कुछ दारोगा और सिपाही शराब बेचने में मस्त थे. इसका खुलासा तब हुआ जब कैमूर पुलिस (Kaimur Police) ने एक बड़ी छापेमारी को अंजाम दिया. यहां पुलिस ने महंगी विदेशी शराब के साथ उत्पाद विभाग के तीन वर्दीधारी बाबूओं को पकड़ा है. तीनों एएसआई है.
बीते दिनों लग्जरी कार से बारमद हुआ था शराब
बता दें कि कैमूर के समेकित चेकपोस्ट पर बीते दो दिन पहले उत्पाद विभाग की टीम ने छापेमारी अभियान चलाते हुए एक महंगी लग्जरी कार से भारी मात्रा में विदेशी शराब के साथ तीन तस्करों को पकड़ा था. यह कार्रवाई एएसाई राकेश कुमार, मो. हाबिद और चंदन ठाकुर के नेतृत्व में की गई थी. इसके बाद तीनों अधिकारियों ने मिलकर बरामद लगभग 35 लीटर शराब को आपस में बांट लिया था.
तीन महीने पहले ही बने थे एएसाई
जानकारी के अनुसार एसपी राकेश कुमार को गुप्त सूचना मिली थी कि तीनों अधिकारी शराब को बारमद कर सरकारी कागज में कम मात्रा दिखाकर आपस में शराब को बांट लेते थे और बाद में बड़े शातिर अंदाज में इसे बेच दिया करते थे. सूचना के आधार पर एसपी ने मोहनिया डीएसपी को जांच की कार्रवाई सौंपी. जिसके बाद उत्पाद विभाग के तीनों अधिकारियों की काली करतूत सामने आई.
तीनों को हिरासत में लिया गया
मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि एएसआई चंदन कुमार ठाकुर के पास से 10 लीटर, राकेश कुमार के यहां से 19 लीटर और मोहम्मद हाबिद के पास से 5 लीटर और 750 ML का एक बॉटल बरामद हुआ है. तीनों महिंद्र एजेंसी के पास किराये के मकान पर रहते हैं. वहीं से काफी दिनों से शराब बेचने का कारोबार भी कर रहे थे. तीनों की पोस्टिंग मोहनिया चेक पोस्ट पर लगाई गई थी. डेढ़ सालों से ड्यूटी कर रहे थे. बताते चलें कि तीनो को बीते तीन महीने पहले ही इन तीनों को ASI उत्पाद विभाग में बनाया गया था.