पटना. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हाल ही में पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिले की यात्रा की और वहां के वाल्मीकिनगर के वन पर्यावरण, पर्यटन व चंपारण के पुरातात्विक स्थलाें का निरीक्षण किया. मंगलवार को प्रभात खबर से बातचीत में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण खूबसूरत जगह है. यहां के जंगल, नदी, पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही मनोरम है. इसके विकास के लिए सरकार के स्तर पर कोशिश की जा रही है. वहां फिल्म उद्योग की भी बहुत संभावनाएं जतायी.
चंपारण की यात्रा की, क्या लगा?
तेजस्वी : चंपारण की प्राकृतिक सुंदरता पहले से ही विख्यात है. अब उसके विकास खास कर पर्यटकों के ठहरने की बेहतर व्यवस्था की जायेगी. नदी, जंगल, वन और बाघों की सुरक्षा को लेकर व्यापक निर्देश दिये गये हैं. वहां पर्यटकों को ठहरने के लिए ओर भी इंतजाम करने को कहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर वाल्मीकिनगर इलाके को और भी विकसित किया जा रहा है.
चनपटिया मॉडल कैसा काम कर रहा है?
तेजस्वी : चंपारण यात्रा के दौरान वहां के कल कारखाने को भी देखा. चनपटिया माडल की जितनी तारीफ की जाये कम है. डीएम ने प्रजेंटेशन देकर इसके तहत हो रहे कार्याें की जानकारी दी. इसे राज्य के अन्य जगहों पर भी अपनाया जाना चाहिए. चनपटिया माडल को स्टार्टअप से भी जोड़ा जायेगा.
चंपारण के विकास के लिए कितना काम किया जाना जरूरी है?
तेजस्वी : पश्चिम चंपारण के विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलप किये जायेंगे. इसकी ब्रांडिंग भी की जायेगी. वहां के डीएम ने प्रेजेंटेशन देकर अब तक किये गये कार्यों की जानकारी दी है. सरकार के स्तर पर हमलोग इसे और भी बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे.
पुरातात्विक स्थलों के विकास जरूरी है, आप वहां भी गये ?
तेजस्वी : हमने सभी स्थलों को देखा. इसके रखरखाव को लेकर भी निर्देश दिये. दरअसल पुरातात्विक स्थलों को लेकर केंद्र सरकार के आर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का गाइडलाइन होता है. इसी के तहत सभी को काम करना होता है. राज्य सरकार की ओर से देखा जा रहा है कि और भी किस तरह इसको संवारा जा सकता है. केसरिया के बौद्ध स्तूप और अन्य स्थलों की सुरक्षा को लेकर भी निर्देश दिये.
अमवा मन के विकास और वाटर टूरिज्म की संभावनाएं हैं ?
तेजस्वी : हमने वहां के डीएम को भी अमवा मन के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा है. वह इलाका वाटर टूरिज्म के लिए भी संभावनाओं वाला है. पारा सेलिंग योजना की शुरुआत के भी निर्देश दिये गये हैं. बाघों की सुरक्षा, जंगल के विकास और पर्यटकीय नजर से इसे और भी विकसित बनाने के लिए विभाग को रोडमैप तैयार करने को कहा गया है.