कैमूर. रोहिणी नक्षत्र शुरू होने के ठीक पहले जिले के विभिन्न क्षेत्रों में तेज हवा के साथ रुक- रुक कर शाम से हो रही हल्की बारिश ने किसानों को फायदा पहुंचा है. बारिश होने से किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है. आज यानी बुधवार से खरीफ सीजन की पहली फसल धान का बिचड़ा डालने के लिए रोहिणी नक्षत्र आरंभ हो रहा है. रोहिणी नक्षत्र में डाले गये धान के बीज सबसे उत्तम माने जाते रहे हैं. किसानों के अनुसार, रोहणी नक्षत्र 25 मई यानी आज से चढ़ने वाला है. इसमें नौ दिन किसान नवताप मनाते हैं. इसमें खेती का कोई काम शुरू नहीं किया जाता. 10वें दिन से खेतों में हल डालने और धान के बिचड़ा डालने का काम शुरू कर दिया जाता है.
इधर, मोकरम गांव के किसान बलदाउ सिंह, पतरिहां गांव के किसान ददन पांडेय, रमावतपुर गांव के किसान दशरथ साह आदि ने बताया कि तेज धूप के कारण मिट्टी बहुत कड़ी हो गयी थी. हालांकि, बरसात इतनी नहीं हुई है कि गहराई तक मिट्टी की परत मुलायम हो. फिर भी इस बरसात से मिट्टी की ऊपरी परत जरूर मुलायम हो जायेगी. इसका फायदा रोहिणी नक्षत्र में बिचड़ा डालने के समय किसानों को खेत की जुताई करने में मिलेगा. अगर आगे कुछ और पानी बरस जाता है, तो खेतों में पर्याप्त नमी आ जायेगी. इधर, पिछले दो दिनों से उमड़ रहे बादल और चल रही ठंडी हवाओं के बाद इस बारिश से जिले में मौसम भी खुशगवार दिखाई दे रहा था.
लोगों को गर्मी से निजात मिली है. बुधवार को भी सूर्य के तेज किरणों से लोगों को राहत मिली थी. हालांकि, दिन में कहीं बारिश नहीं हो रही थी. लेकिन, आसमान में बादल छाये हुए थे. जिले में पशुचारा को लेकर गर्मी में हर वर्ष पशुपालकों पर पड़ने वाला दबाव इस बरसात के बाद कम होने की उम्मीद जतायी जा रही है. किसानों का कहना है कि इस बरसात से मिट्टी में आयी नमी से घास उगेंगे. इससे पशुओं को चारा आसानी से मिलने लगेगा. सारनपुर गांव के रहने वाले पशुपालक शोभन सिंह यादव का कहना है कि गर्मी में तेज धूप के कारण खेतों में पूर्व से उगी घास तक जल कर समाप्त हो जाती है. इससे पशुपालकों के सामने चारागाह की समस्या आ जाती है. पशुओं का पेट भरने के लिए पशुचारा भी खरीदना पड़ता है. इसमें काफी पैसा भी खर्च होता है.
भभुआ. जिले में हुई बारिश के बाद आम और जामुन जैसे फलों के पकने का सिलसिला तेज होने की बात बतायी जा रही है. इधर, मंगलवार की शाम के बाद रात में भी हुई हल्की-फुलकी बारिश के बाद कई किसानों ने बताया कि यह बारिश आम और जामुन जैसे फलों के पकने में काफी मददगार साबित होगी. पानी खाने के बाद जहां फलों में रस बढ़ेंगे ,वहीं फल तेजी से पकने भी शुरू हो जायेंगे. गौरतलब है कि वैसे तो कारबाइड डाल कर फलों को पकानी की तरकीब सालों भर चलायी जाती है. लेकिन, प्राकृतिक रूप से पके फलों के स्वाद के आगे, कारबाइड फलों के स्वाद में भारी अंतर आ जाता है.
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भभुआ. मंगलवार को जिले में सबसे अधिक बारिश भभुआ प्रखंड में दर्ज की गयी है. सांख्यिकी विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, भभुआ प्रखंड में मंगलवार की वर्षा 20.2 एमएम दर्ज की गयी है. इसके बाद कुदरा प्रखंड में बादल 17.2 एमएम बरसे हैं. तीसरे नंबर पर वर्षा रामपुर प्रखंड में दर्ज की गयी है. इसी तरह भगवानपुर, अधौरा, चैनपुर प्रखंड में हल्की-फुल्की बारिश दर्ज की गयी है और जिले के पांच प्रखंडों चांद, दुर्गावती, मोहनिया, नुआंव तथा रामगढ में बूंदाबांदी के बाद बादल दूर निकल गये.