मुजफ्फरपुर. मुंबई, दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों की बंद फैक्टरियां धीरे-धीरे खुलने लगी हैं. लॉकडाउन में घर आये मजदूर फिर से काम की तलाश में वापस लौटने लगे हैं. मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के अन्य जिलों में रहने वाले कुछ मजदूरों को उनके फैक्टरी मालिक की ओर से ट्रेन का टिकट भी भेजा जा रहा है. अब रोजाना बड़ी संख्या में मजदूर मुंबई, दिल्ली समेत अन्य राज्यों के लिए रवाना हो रहे हैं.
इस वजह से ट्रेनों में वेटिंग अचानक 100 के पार जा चुकी है. एक हफ्ते पहले तक जयनगर से लोकमान्य तिलक जाने वाली पवन एक्सप्रेस में आसानी से टिकट मिल जा रही थी, लेकिन, इन दिनों मिनटों में सीटें फुल हो जा रही हैं. ट्रेन की टिकट के लिए लोग रात को ही लाइन में लग कर सुबह में तत्काल टिकट ले रहे हैं.
मुजफ्फरपुर जंक्शन से रोजाना 500 मजदूर रवाना हो रहे हैं. सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण सहित अन्य जिलों के मजदूर ट्रेन पकड़ने जंक्शन आ रहे हैं. कई मजदूरों को जाने से लेकर रहने का खर्च भी कंपनियों के मालिक देने के लिए तैयार हैं. इसके लिए कंपनी की ओर से कई जिलों में एक-एक स्टाफ को भी भेजा गया है.
कोरोना की वजह से ट्रेनें कम चल रही हैं. इन ट्रेनों में भी सीट मिलनी मुश्किल हो रही है. परदेश से घर लौटे प्रवासी श्रमिक काम के लिए लौटने लगे हैं, जिससे ट्रेनों में भीड़ बढ़ गयी है. भागलपुर से रोज खुलनेवाली विक्रमशिला एक्सप्रेस व कामख्या-दिल्ली स्पेशल ट्रेन लंबी वेटिंग है.
मालदा-दिल्ली स्पेशन ट्रेन तीन जून तक फुल है. मालदा- आनंद विहार टर्मिनल ट्रेन में वेटिंग बढ़ती जा रही है. प्रवासी श्रमिकों को कन्फर्म टिकट नहीं मिल पा रही है. केवल, पहले से जो रिजर्वेशन करा लिया है, उन्हें ही सीट मिल रही है.
Posted by Ashish Jha