बिहार: राजस्व कर्मचारियों ने खोल रखा था फर्जी अंचल कार्यालय, बालू का फेक चालान बनाने वाला गिरोह भी धराया
बिहार में दो ऐसे खुलासे हुए जिसने सबको दंग कर दिया. भभुआ में राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से अंचल कार्यालय के समानांतर एक निजी मकान में फर्जी अंचल कार्यालय चल रहा था. वहीं सारण में बालू का फर्जी चालान काटने वाले गिरोह को पकड़ा गया. जानिए दोनों मामले..
Bihar Crime News: भभुआ अंचल कार्यालय के समानांतर राजेंद्र सरोवर के पास गुलजार वाटिका की बगल में अवैध अंचल कार्यालय राजस्व कर्मियों द्वारा चलाया जा रहा था. इसका खुलासा शनिवार को डीएम के निर्देश पर छापेमारी में हुआ है. एक प्राइवेट मकान में अलग-अलग कमरे में पंचायतवार दाखिल खारिज, जाति, आय, निवास परिमार्जन से लेकर आंचल से जुड़े अन्य कार्य किया जा रहे थे. छापेमारी के दौरान उक्त अवैध कार्यालय से तीन राजस्व कर्मचारी समेत बड़ी मात्रा में अंचल कार्यालय के दस्तावेज व राजस्व कर्मचारियों के अंदर में काम करने वाले प्राइवेट आदमी पकड़े गये हैं. डीएम के निर्देश पर एसडीएम ने छापेमारी कर जैसे ही यह सूचना डीएम को दी कि वास्तव में अवैध रूप से अंचल का ऑफिस चल रहा है, डीएम सहित एडीएम, एसडीपीओ पुलिस बल व अन्य कर्मी वहां पहुंच गये व जब्त की कार्रवाई शुरू हो गयी.
पांच कमरों में चल रहा था कार्यालय
शहर के बीचोंबीच राजेंद्र सरोवर के पीछे गुलजार वाटिका की बगल में एक प्राइवेट मकान के पांच कमरों में विधिवत अंचल के समानांतर अवैध अंचल कार्यालय चलाकर राजस्व कर्मचारी समेत अन्य कर्मचारी जिला प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे थे. दूसरी तरफ खुलेआम अवैध ऑफिस चलाकर लोगों से अवैध वसूली भी कर रहे थे. उक्त अवैध कार्यालय पर जाति, निवास के लिए पहुंचा एक युवक अजीत कुमार ने बताया कि वह जाति प्रमाणपत्र निवास बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था, जब वह अंचल कार्यालय में गया, तो बताया गया कि कर्मचारी राजेंद्र सरोवर के पीछे उक्त प्राइवेट मकान में मिलेंगे. फिर वहां पर अजीत प्राइवेट मकान में अपने जाति, निवास व जमीन की रसीद के लिए पहुंचा, जहां पर राजस्व कर्मचारी से मुलाकात हुई. अजीत के बयान के मुताबिक अंचल कार्यालय में जाने पर कर्मचारियों का पता वहां के कर्मियों द्वारा राजेंद्र सरोवर के पीछे अवैध रूप से चल रहे प्राइवेट मकान को बताया जाता था. यहां पर राजस्व कर्मचारी एक कमरे में विधिवत पंचायतवार ऑफिस चला रहे थे. कमरे का किराया, बिजली बिल से लेकर राजस्व कर्मचारी के अंडर में काम करने वाले प्राइवेट आदमी को पैसा कहां से देते थे, इसका आप अंदाजा सहज ही लगा सकते है. अवैध रूप से चल रहे ऑफिस के संचालन के लिए राजस्व कर्मचारी आम आदमियों से अंचल से जुड़े कार्यों के लिए अवैध वसूली करते थे और फिर उस अवैध वसूली के संचालन के साथ-साथ मोटी अवैध कमाई करने का काम करते थे.
प्राथमिक दर्ज कर जेल भेजने का दिया निर्देश
डीएम सावन कुमार जब अवैध रूप से चल रहे उक्त स्थल पर पहुंचे, तो उन्हें स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि कई वर्षों से यहां पर अवैध रूप से अंचल कार्यालय के समानांतर अंचल कार्यालय राजस्व कर्मचारियों द्वारा चलाया जाता है. वह एक कमरे में जाकर कागजात की जांच की, तो पता चला कि दाखिल खारिज, परिमार्जन जमीन के जांच रिपोर्ट, जाति, आय, निवास से लेकर प्रभार तक की रिपोर्ट के कागजात वहां पर मिले. हर कमरे में अंचल से जुड़े दस्तावेज रखे हुए थे. स्पष्ट रूप से यह पता चल रहा था कि उक्त कार्यालय कई वर्षों से अवैध रूप से चल रहा है. डीएम वहां की स्थिति देखकर आग बबूला हो गये और इसके लिए उन्होंने अंचलाधिकारी को भी जिम्मेदार बताते हुए कार्रवाई की बात कही. साथ ही पकड़े गये राजस्व कर्मचारी व अन्य लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करा जेल भेजने का निर्देश दिया है
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दो राजस्व कर्मचारी व तीन अन्य लोग हिरासत में
अवैध रूप से चल रहे उक्त ऑफिस पर से दो राजस्व कर्मचारी भभुआ अखलासपुर के शेख इमरान अली सीओ पंचायत के लाल बाबू के अलावा अन्य लोगों में सिकठी गांव के मुकेश सिंह, इटाढ़ी सोनहन के धनंजय कुमार व चांद के पर्वेंद्र कुमार शामिल हैं. राजस्व कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से प्राइवेट मकान में अंचल कार्यालय चलाये जाने की सूचना लगातार डीएम को मिल रही, जिसके बाद डीएम द्वारा शनिवार को अचानक एसडीएम के नेतृत्व में छापेमारी करा उक्त अवैध ऑफिस को सील कराने के साथ-साथ वहां के कर्मियों को पकड़वाने का काम किया है. हालांकि वहां मौजूद लोगों द्वारा बताया जा रहा था कि कर्मचारियों द्वारा ऑफिस पिछले कई वर्षों से यहां चलाया जा रहा था और यहीं से दाखिल खारिज से लेकर अंचल से जुड़े अन्य कार्यों में प्राइवेट आदमी के माध्यम से अवैध वसूली कराने का काम कराया जा रहा था.
सारण में बालू का फर्जी चालान बनाने वाले गिरोह धराया
उधर, सारण पुलिस ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लाल बाजार एवं महाराजगंज गांव में बालू का फर्जी चालान बनाने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. फर्जी चालान बनाने वाले गिरोह के खुलासे के बाद एसपी डॉ गौरव मंगला ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि इन दोनों गांवों में कुछ माह से एक गैंग द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जी चालान बनाया जा रहा है. वहीं इसके एवज में बालू कारोबारियों तथा ट्रैक्टर चालकों से मोटी रकम भी वसूली जा रही है. जिसके बाद पुलिस ने उक्त दोनों गांवों में सघन छापेमारी की. इस क्रम में अवैध चालान बनाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार लोगों में लाल बाजार के मनीष कुमार तथा महाराजगंज गांव के संदीप कुमार शामिल है. वहीं इस गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी मिली है. दोनों से कड़ी पूछताछ की जा रही है. वहीं गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी चल रही है.
27 फर्जी चालान व अन्य सामग्री बरामद
सारण एसपी ने बताया कि इन दोनों गांवों में उक्त युवकों द्वारा एक सेंटर चलाया जा रहा था जहां लैपटॉप, प्रिंटर आदि रखकर फर्जी चालान तैयार करते थे. दोनों के कार्य स्थल पर छापेमारी करते हुए पुलिस ने 27 फर्जी चालान बरामद किये है. वहीं दो लैपटॉप, तीन प्रिंटर, तीन मोबाइल, एक चालान प्रिंटर तथा एक कि पैड भी बरामद किया गया है. इन दोनों से पूछताछ में पता चला है कि डोरीगंज के विभिन्न घाटों तथा आरा से आने वाले कई ट्रकों के चालक तथा बालू माफियाओं से ही सांठ-गांठ की. कंप्यूटर द्वारा हु-ब-हू ओरिजनल सा दिखने वाला चालान बना देते थे. वहीं पुलिस को भी इस चालान पर कोई शक नहीं होता था. हालांकि कुछ दिन पहले एक दो चालान फर्जी पाये गये थे. जिसके बाद से ही पुलिस इनपर नजर बनाये हुए थे. कार्रवाई करने वाली टीम में मुफस्सिल थानाध्यक्ष विवेक दीप, विकास कुमार सिंह, सुनील प्रसाद, विजय शंकर उपाध्याय, सुमन कुमारी आदि शामिल थे.