बिहार: दारोगा नहीं बन पाया तो वर्दी पहनकर घूमने लगा युवक, पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानें कैसे खुली पोल
सुलतानगंज में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है. यह युवक 2019 से फर्जी दारोगा बन के बिहार के विभिन्न शहरों में रह रहा था. पुलिस ने इस युवक को श्रावणी मेला क्षेत्र से पुलिस वर्दी में गिरफ्तार किया है.
बिहार में एक शख्स को दारोगा बनने की ऐसी ललक चढ़ी कि जब उसे नौकरी नहीं लगी तो फर्जी दारोगा बन कर घूमने लगा. उसने 2019 बैच के बिहार पुलिस दारोगा का रिजल्ट आने के बाद दारोगा का रूप धारण कर लिया. वर्दी के साथ ही वो स्टार और बेल्ट लगाकर घूमने लगा. इसके बाद वो बीते चार साल से राज्य के अलग-अलग शहरों में फर्जी दारोगा बन कर रहने लगा. लेकिन सच कब तक छिपा रहता है. मंगलवार को उसकी पोल खुल गई और पुलिस ने सुलतानगंज के श्रावणी मेला क्षेत्र से पुलिस वर्दी में उसे गिरफ्तार कर लिया. फर्जी दारोगा बनकर ड्यूटी करने वाले की पहचान शेखपुरा जिला के सादिकपुर, जियानबीसा निवासी रौशन कुमार के रूप में हुई है. मंगलवार को लंबी पूछताछ के बाद पुलिस ने रौशन कुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
मोबाइल से खुल रहे हैं कई राज
इस मामले में विधि व्यवस्था डीएसपी डॉ गौरव कुमार ने बताया कि रौशन कुमार श्रावणी मेला के दौरान एक बार पहले भी आया था. उसके बाद 27 अगस्त को आया और 28 अगस्त की सुबह ब्लॉक गेट से उसे गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार फर्जी दारोगा के मोबाइल से कई संदिग्ध बातें मिली है. डीएसपी ने बताया कि उसके सारे कारनामे के खुलासे किये जा रहे हैं.
पहले सिपाही बनकर कई जिलों में फर्जी तरीके से की थी ड्यूटी
गिरफ्तार रौशन कुमार द्वारा पहले सिपाही बनकर कई जिलों में ड्यूटी करने की जानकारी मिली है. कटिहार जिला बल सिपाही संख्या 302 का एक आई कार्ड भी फर्जी दारोगा के पास से बरामद हुआ है. जब इसका सत्यापन किया गया तो कटिहार जिला पुलिस बल में यह सिपाही संख्या महिला सिपाही के नाम से अंकित पाया गया है. उसके मोबाइल में राजगीर बिहार पुलिस अकादमी ट्रेनिंग सेंटर का भी कुछ फोटो क्लिप मिला है. जो फर्जी तरीके से ट्रेनिंग सेंटर में बनाया गया है. विधि व्यवस्था डीएसपी डॉ गौरव कुमार ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर से भी इसका सत्यापन कराया जा रहा है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
फर्जी दरोगा बहाल करने वाले गिरोह का होगा पर्दाफाश
रौशन कुमार की गिरफ्तारी के बाद पुलिस महकमे में हलचल है. इधर, बेटे की गिरफ्तारी की खबर सुनने के बाद रौशन के पिता रामानुग्रह सिंह सुलतानगंज थाना पहुंचे. उन्होंने बताया कि रौशन कभी-कभी छुट्टी पर घर आता था. जब भी उससे वेतन का पैसा मांगते थे तो वह दे देता था. लेकिन उसके इस तरह के हरकत की जानकारी हमें नहीं थी. बताया गया कि रौशन का जब पुलिस में दारोगा के पद पर नौकरी होने की जानकारी मिली तो परिवार के लोगों ने उन्हें राजगीर स्थित बिहार पुलिस एकेडमी सेंटर ट्रेनिंग पहुंचा दिया था. उसके बाद उसकी पोस्टिंग कहां और कब हुई इसकी जानकारी घर वाले को नहीं है. रामानुग्रह सिंह ने बताया कि बेटा किसी फर्जी गिरोह के जाल में फंस गया है. उसी के फर्जीवाड़े का शिकार हो गया है. इधर, विधि व्यवस्था डीएसपी डॉ गौरव कुमार ने बताया कि फर्जी तरीके से दारोगा और सिपाही बनाने का कोई गिरोह सक्रिय है. इसका भी खुलासा जल्द किया जायेगा.
फर्जी दारोगा का भाई खंजरपुर में चलाता है कोचिंग
फर्जी दारोगा रौशन कुमार को लेकर मंगलवार को भागलपुर शहरी इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. कई लोगों ने उसे पुलिस की वर्दी में अलग-अलग इलाकों में रौब झाड़ते हुए देखने की बात कही. खासकर खंजरपुर इलाके में उसे अक्सर देखा जाता था. वह खंजरपुर स्थित एक लॉज के कमरे में आता जाता था. वहीं कुछ लोगों ने बताया कि खंजरपुर में उसका भाई एक कोचिंग संस्थान का संचालन कर रहा है. वह भाई के कोचिंग में भी पुलिस वर्दी में आता-जाता था.
स्टार और बेल्ट लगाकर घूम रहा था रौशन
मामले को लेकर एसएसपी आनंद कुमार ने बताया कि पकड़े गये रौशन के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि उसने चार साल पहले तक कुछ जिलों में बिहार पुलिस के सिपाही की वर्दी पहन कर फर्जी तरीके से ड्यूटी की थी. 2019 बैच के बिहार पुलिस दारोगा का रिजल्ट आने के बाद उसने दारोगा का रूप धारण कर लिया. स्टार और बेल्ट लगाकर घूमने लगा.
आपराधिक घटना को अंजाम दिये जाने की बात सामने नहीं आई है
एसएसपी ने बताया कि मामले को लेकर फर्जी दारोगा के परिजनों से फोन पर बात की गयी है. उक्त खुलासे को लेकर उसके परिजन भी हैरत में हैं. यह भी बताया गया कि मामले में अभी तक वर्दी पहन कर किसी प्रकार का भय दोहन या किसी आपराधिक घटना को अंजाम दिये जाने की बात सामने नहीं आयी है. यह भी बताया कि वह भागलपुर में किन-किन लोगों के संपर्क में था, इसकी भी जांच की जा रही है.