OMG: फर्जी थाने के बाद अब बांका में Fake सरकारी कार्यालय का भंडाफोड़, प्रशासन की उड़ी नींद

बांका में एक फर्जी सरकारी कार्यालय का संचालन किया जा रहा था. जिसकी पुलिस ने छापेमारी कर भंडाफोड़ किया. पुलिस ने आरोपियों के निशानदेही पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन की नींद उड़ गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2022 9:17 PM

बांका: बिहार से समय -समय पर अजब- गजब कारनामे सामने आते रहते हैं. कुछ दिन पहले ही एक फेक थाना का ही उद्भेदन हुआ था. अब बांका में एक फर्जी सरकारी कार्यालय का संचालन किया जा रहा था. जिसकी पुलिस ने छापेमारी कर भंडाफोड़ किया. पुलिस ने एक देसी पिस्टल के साथ 2 फर्जी वर्दीधारी गार्ड और 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

फर्जी सरकारी कार्यालय का भंडाफोड़

मामले बांका जिले में बीचों बीच स्थित अनुराग गेस्ट हाउस का है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर वहां एक फर्जी सरकारी कार्यालय का भंडाफोड़ किया है. उस कार्यालय से बांका थानाध्यक्ष शंभू यादव के नेतृत्व में जिला पुलिस ने केंद्र व राज्य के विभिन्न योजनाओं के फर्जी दस्तावेज के साथ एक फर्जी महिला वर्दीधारी पुलिस, एक फर्जी पुलिस गार्ड, 2 लेखपाल एक रसोइया सहित पांच व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. वहीं, जांच के दौरान पुलिस ने एक देसी कट्टा और कई सरकारी फर्जी दस्तावेज, कई मुहर प्राप्त की है.

नौकरी के लिए दिए थे पैसा

पकड़ी गई आरोपी अनीता देवी ने बताया कि भोला यादव नाम के व्यक्ति ने ₹55000 लेकर सिपाही में बहाली की थी. महिला ने बताया कि उसके आधार पर कार्यालय में काम करते हैं. एक फर्जी पुलिस गार्ड आकाश कुमार ने भी बताया कि उससे ₹90000 लेकर नौकरी दी थी. इसके अलावा लेखपाल रमेश कुमार और जूली कुमारी ने भी इस कार्यालय में मंत्री के द्वारा बहाली करने की बात कही. उन्होंने बताया कि वो सरकारी योजनाओं को लाभ दिलाने का कार्य करते हैं. पुलिस ने आरोपियों के निशानदेही पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी.

मुख्य आरोपी फरार

वहीं, इस मामले में मुख्य आरोपी भोला यादव अपने परिवार के साथ फरार है. पुलिस लगातार उसे पकड़ने की कोशिश कर रही है. 40 वर्षीय भोला यादव फुल्लीडुमर पंचायत के बंगबरिया गांव का मूल निवासी है, जो कि गांव छोड़कर विगत कुछ सालों से अपना नया घर बनाकर यहां रह रहा था. वह पिछले 12 सालों से जंगल पहाड़ी क्षेत्र में ग्रामीणों को सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर वह लोगों से अच्छी खासी रकम ठगी चुका है. इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन की नींद उड़ी हुई है.

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