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बिहार की फर्जी डिग्री बनाकर प्रैक्टिस कर रहे होम्योपैथी डॉक्टर, गुजरात में 62 नकली चिकित्सक गए जेल

बिहार की फर्जी डिग्री पर गुजरात में प्रैक्टिस करने वाले नकली होम्योपैथी डॉक्टर धराए हैं. इनमें 71 नकली चिकित्सकों को जेल भेज दिया गया है जबकि 9 अभी फरार हैं.

देवेश कुमार, मुजफ्फरपुर: गुजरात के गांधीनगर में बीआरएबीयू के बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) की 71 फर्जी डिग्री पकड़ी गयी है. इससे यूनिवर्सिटी में हड़कंप है. सभी फर्जी डिग्री वर्ष 1997 से 2012 के बीच राज्य के विभिन्न सरकारी व प्राइवेट होम्योपैथिक कॉलेज के नाम जारी है. सीआइडी क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट गांधीनगर के द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी के आधार पर शुरू हुई जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. 62 नकली होम्योपैथी डॉक्टर जेल भेजे जा चुके हैं. जबकि 9 अभी फरार हैं.

एक फर्जी डॉक्टर पकड़ाया तो तेज हुई जांच…

एक साथ इतनी बड़ी संख्या में होम्योपैथिक की फर्जी डिग्री मिलने से यूनिवर्सिटी अधिकारी भी सकते में हैं. बताया जाता है कि वर्ष 2020 में गांधीनगर में बीएचएमएस की डिग्री पर निजी प्रैक्टिस कर रहे एक तथाकथित डॉक्टर को पकड़ा गया था. जांच के दौरान कुल 72 प्रैक्टिशनर्स की डिग्री पर शक हुआ. इसके बाद यूनिट ने इसकी प्राथमिकी दर्ज कर गहराई से मामले की जांच शुरू की.

62 को भेजा जेल, नौ फरार

अब तक 62 प्रैक्टिशनर्स न्यायिक हिरासत में जेल जा चुके हैं. नौ अब भी फरार हैं. कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट जमा करने से पहले सीआइडी क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट गांधीनगर ने बीआरएबीयू के रजिस्ट्रार को समन भेजकर पूरी रिपोर्ट तलब कर दी है. यूनिवर्सिटी की तरफ से जो रिपोर्ट तैयार कर सीआइडी क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट को भेजी है. इसमें से 72 में से 71 की डिग्री फर्जी मिली है. महज एक डिग्री सही पायी गयी है. इससे पहले वर्ष 2021 में भी पत्र भेजकर क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने 59 बीएचएमएस की डिग्री की जांच कर रिपोर्ट मांगी थी. तब सभी की सभी डिग्री फर्जी मिली थी.

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27 जून को गांधीनगर में पेश हुए हैं लॉ ऑफिसर

सीआइडी क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने रजिस्ट्रार को पूरी रिपोर्ट के साथ सीआरपीसी सेक्शन-160 के तहत समन भेजकर 27 जून को पेश होने का आदेश दिया था. रजिस्ट्रार के बदले लॉ ऑफिसर मयंक कपिला को यूनिवर्सिटी ने भेजा था. हालांकि, सीआइडी क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट के अधिकारियों के अनुसार लॉ ऑफिसर का बयान दर्ज नहीं हो पाया है. केस के जो आइओ हैं. वे छुट्टी पर थे. इसलिए, दोबारा यूनिवर्सिटी के अधिकारी को फिर से सीआईडी क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट बयान दर्ज करने के लिए बुलायेगी. संभावना जतायी जा रही है कि जांच टीम बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी भी आ सकती है.

दो साल पहले पंजाब में पकड़ी गयी थी लॉ की फर्जी डिग्री

बीआरएबीयू के लॉ की फर्जी डिग्री पर वर्ष 2022 में वकालत करते एक व्यक्ति को पंजाब के गुरदासपुर कोर्ट में पकड़ा गया था. इसके बाद गुरदासपुर पुलिस यूनिवर्सिटी पहुंच मामले की जांच की थी. कोर्ट के समक्ष पेश होने में विलंब करने पर तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पर गुरदासपुर कोर्ट की तरफ से गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया गया था. तब, परीक्षा नियंत्रक के बदले लॉ ऑफिसर ने कोर्ट में उपस्थित होकर यूनिवर्सिटी का पक्ष रखा था.

बीआरएबीयू ने बताया…

सीआइडी क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने वर्ष 2020 में ही प्राथमिकी दर्ज की थी. इसी के आधार पर 72 डॉक्टरों की डिग्री भेज कर इसकी जांच रिपोर्ट मांगी गयी थी. इसमें से 71 की डिग्री फर्जी है. एक की डिग्री सही है. इसकी पूरी रिपोर्ट लेकर लॉ ऑफिसर गुजरात गये थे. सीआइडी ने कुछ नये बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है, जिसे जल्द ही भेज दी जायेगी.
डाॅ राजीव कुमार झा, पीआरओ, बीआरएबीयू

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