बिहार के बेगूसराय में पुलिस ने अपने को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का अधिकारी बताने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार व्यक्ति दरभंगा जिला के मझौलिया गांव का निवासी भवेश कुमार चौधरी है. उसके कमरे से पुलिस की वर्दी, चार पहिया वाहन सहित कई सामान बरामद किए गए हैं. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर इस आरोपी को गिरफ्तार किया है.
टीम गठित कर होटल में की गई छापेमारी
एसपी योगेन्द्र कुमार ने बुधवार को प्रेसवार्ता में बताया कि अपने आप को एसटीएफ का जिला प्रभारी बताने वाले भवेश नाम के व्यक्ति द्वारा लोगों को ठगे जाने की गुप्त सूचना मिली थी. सूचना मिलते ही सदर डीएसपी अमित कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और लोहियानगर सहायक थाना की पुलिस टीम के द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए कैप्सन होटल के एक कमरे में छापेमारी की गई.
छापेमारी में वर्दी, बेल्ट सहित कई सामान बरामद
होटल में पुलिस द्वारा की गई इस छापेमारी में दरभंगा जिला के अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र के मझौलिया गांव निवासी भवेश कुमार चौधरी को पकड़ा गया. कमरे की तालाशी के दौरान पुलिस की दो सेट वर्दी, एक जोड़ी लाल जूता, दो लेदर का लाल बेल्ट, दो मोबाइल एवं एक पुलिस का डंडा बरामद हुआ है. इसके साथ ही कई एटीएम कार्ड, पासबुक, चेक बुक एवं डायरी भी बरामद की गई है. होटल के बाहर से पुलिस ने झारखंड नंबर की एक मारुति कार भी जब्त की है. इस कार पर पुलिस लिखा हुआ था.
2021 में सब इंस्पेक्टर परीक्षा में हो गया था असफल
एसपी ने बताया कि छापेमारी में एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर विकास ने भी काफी प्रयास किया. गिरफ्तार भवेश कुमार चौधरी के माता-पिता शिक्षक हैं. 2021 में इसने सब इंस्पेक्टर की परीक्षा दी थी, लेकिन उसमें सलेक्शन नहीं हुआ. इसके बाद घर वालों से झूठ बोलकर बेगूसराय आ गया और होटल में कमरा लेकर रहने लगा. यहां लोगों को एसटीएफ का प्रभारी बताकर ठगी करता था. इसके पास से मिले पासबुक से काली कमाई का पता चला है.
डायरी से खुलेगा वसूली का राज
एसपी ने बताया कि छापेमारी में बरामद डायरी से वसूली सहित कई अन्य मामले की जानकारी मिली है. जिसका पता लगाया जा रहा है. इसने एसटीएफ और पुलिस विभाग को बदनाम किया. जांच पड़ताल चल रही है. कई अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होगी.
रैकेट का पता लगाने अन्य जिलों में भी होगी जांच
एसपी ने बताया कि यह गलत काम करने वालों का लूज पॉइंट पकड़कर, उसे ब्लैकमेल करता था. इसे सूचना देने वाले के संबंध में अनुसंधान किया जा रहा है. एसपी ने बताया कि इसकी संपत्ति जप्त की जाएगी. प्रॉपर्टी को अटैच किया जा रहा है, बैंक खाता फ्रीज किया जाएगा. इसके रैकेट की अन्य जिले में भी जांच की जाएगी.
छापेमारी टीम में ये थे शामिल
छापेमारी टीम में एसटीएफ एसओजी-3 के सब इंस्पेक्टर विकास कुमार, लोहिया नगर सहायक थानाध्यक्ष अमरजीत प्रताप सिंह, सअनि राज कुमार पासवान, सिपाही मोहन कुमार एवं रविशंकर भारती शामिल थे.
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नालंदा में भी बीते दिनों पकड़ा गया था फर्जी दारोगा
बीते दिनों नालंदा जिले से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था. यहां छबिलापुर थाने से एक फर्जी दारोगा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार फर्जी दारोगा कमलेश कुमार उर्फ दीपू अरवल जिले के फतेहपुर संडा का रहने वाला है. जानकारी के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति दारोगा की वर्दी पहनकर थाने में पैरवी करने के लिए आया था. जब उससे थाना आने का कारण पूछा गया, तो वह बदल-बदल कर जवाब देने लगा. उसके जवाब पर संदेह होने पर जब आइडी मांगा गया, तो उसने दीपू कुमार नाम का आइडी कार्ड दिखाया. जबकि, उसने जो वर्दी पहना था, उस पर लगे नेमप्लेट पर कमलेश कुमार लिखा हुआ था. इसके बाद उससे गहराई से पूछताछ की गयी तो उसने फर्जी दारोगा बनने की बात को स्वीकार कर लिया.
झांसा देने के लिए बिहार पुलिस अकादमी में खिंचवाता था फोटो
इसके बाद उसको गिरफ्तार कर तलाशी लेने पर बिहार पुलिस के तीन आइडी कार्ड, एक आधार कार्ड, पांच डेबिट कार्ड, आइटीआइ फीटर कोर्स का आइडी कार्ड, पैन कार्ड और एक मोबाइल बरामद किया गया है. छानबीन और पूछताछ में पता चला कि कमलेश कुमार उर्फ दीपू दारोगा की वर्दी पहन कर लोगों को अपने झांसे में लेता रहता था. वह बिहार पुलिस अकादमी में फोटो खिंचवाता था और अकादमी के पुलिस पदाधिकारियों को किसी थाने में पोस्टिंग की झूठी बात बताता था.
पैरवी करवाने के नाम पर वसूलता था मोटी रकम
वहीं, आम लोगों से पुलिस केस से संबंधित मामले की पैरवी करवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था. उसके पास से मिले डबल स्टार, बैच तथा मोनोग्राम लगा हुआ पुलिस अवर निरीक्षक की वर्दी, बिहार पुलिस का मोनोग्राम लगा चमड़े का बेल्ट आदि जब्त कर लिया गया है.