16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार शिक्षक भर्ती में बड़ा खेल, एडमिट कार्ड और ज्वाइनिंग में अलग-अलग फोटो, फर्जी अध्यापकों पर FIR का आदेश

राज्य स्तर पर शिक्षकों के योगदान की चल रही जांच में तीन फर्जी शिक्षक पकड़े गये हैं. पकड़े गये फर्जी शिक्षकों की ओर से दूसरे अभ्यर्थियों के आवेदन पर योगदान देने का प्रयास किया गया था. दरअसल, पकड़े गए फर्जी शिक्षकों की फोटो भी आवेदन में लगे फोटो से मेल नहीं खा रही है

बिहार में अध्यापकों की नियुक्ति के लिए चल रही प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित प्रथम चरण की नियुक्ति के योगदान की जांच में तीन फर्जी नवनियुक्त अध्यापक पकड़े गये हैं. पकड़े गये फर्जी अध्यापकों की तरफ से दूसरे अभ्यर्थियों के आवेदन पर योगदान देने का प्रयास किया गया था. इन तीनों शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है.

एडमिट कार्ड में एक फोटो, जॉइनिंग में दूसरे की फोटो

बीपीएससी द्वारा आयोजित पहले चरण की भर्ती परीक्षा के आवेदन में इन शिक्षकों द्वारा दी गई फोटो किसी और की थी, जबकि स्कूल में योगदान के समय इन लोगों द्वारा अलग फोटो का इस्तेमाल किया गया था. वहीं, जब योगदान के बाद इन शिक्षकों की फोटो का मिलान आवेदन में लगे फोटो से नहीं हो सका तो पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो गया.

कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

दरअसल, शिक्षा विभाग ने वैसे सभी नवनियुक्त शिक्षकों को मुख्यालय बुलाया था, जिनका कंप्युटर द्वारा योगदान स्वीकार नहीं किया गया था. जहां सभी शिक्षकों का कंप्युटर से फोटो मिलान किया गया. इस दौरान इन नवनियुक्त शिक्षकों का फोटो मैच नहीं हुआ. जिससे यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आया.

फर्जी अध्यापकों पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश

पूरे मामले का खुलासा होने के बाद इस संदर्भ में माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की तरफ से वैशाली एवं सहरसा के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पकड़े गये फर्जी अध्यापकों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिये गये हैं. इनमें एक फर्जी अध्यापक ने वैशाली जिले में पहली से 5 वीं कक्षा के अध्यापक पद पर फर्जी तरीके से योगदान की कोशिश की गयी है, लेकिन, कम्प्यूटर ने उनका योगदान स्वीकार नहीं किया. रोल नम्बर 121621 के आधार पर फर्जी तरीके से योगदान देने वाले मुन्ना पासवान राजनन्दन पासवान के पुत्र हैं.

सहरसा में पकड़े गए दो नवनियुक्त शिक्षक

इसी प्रकार सहरसा में 9वीं-10वीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान के अध्यापक पद पर फर्जी तरीके से चन्देश्वरी यादव के पुत्र श्रवण कुमार ने रौल नंबर 846422 के आधार पर तथा हरिदेव यादव के पुत्र अजीत कुमार ने रोल नम्बर 847085 के आधार पर योगदान की कोशिश की, पर दोनों ही पकड़े गये.

Also Read: BPSC शिक्षक भर्ती: फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर नौकरी ज्वाइन करने आई महिला, खुलासा होते ही हुई फरार

दूसरे चरण की काउंसिलिंग को लेकर निर्देश

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की तरफ से दिये गये निर्देश के मुताबिक दूसरे चरण में नियुक्त होने वाले अध्यापकों के विद्यालयों में योगदान के बाद प्रधानाध्यापक उन्हें सशरीर लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में हाजिर होंगे, जहां कम्प्यूटर पर योगदान स्वीकृत करने के पहले उनकी बायोमेट्रिक जांच होगी. वहीं ऐसे अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग दूसरे चरण में नहीं हॉग जिनके पास आधार नंबर या आधार नंबर लिंक मोबाइल नहीं है.

Also Read: BPSC TRE मल्टीप्ल रिजल्ट की उम्मीद कर रहे अभ्यर्थियों को अतुल प्रसाद ने दी सलाह, काउंसलिंग को लेकर कही ये बात

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें