बिहार के शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को अब 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इससे पहले मुआवजे की राशि महज दो लाख रुपये थी. इस बात का ऐलान शनिवार को बिहार पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरएस भट्टी ने किया. डीजीपी बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बी-सैप 5) परिसर में शनिवार को पुलिस संस्मरण दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने बिहार के आठ सहित देश भर के 188 शहीद पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों को बिहार पुलिस की तरफ से श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह निर्णय पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए लिया गया है और हमारी कोशिश होगी की जल्द से जल्द यह राशि शहीद के आश्रितों को उपलब्ध करा दिया जाए, ताकि उनकी समस्याओं की समाधान हो सके.
आवासन नीति पर काम कर रही बिहार पुलिस
डीजीपी भट्टी ने बिहार पुलिस की आवासन और ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति में बदलाव की घोषणा भी की है. उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस के पदाधिकारी व कर्मियों के निजी जीवन और कर्तव्य के बीच संतुलन बनाये रखने को लेकर जल्द ही यह बदलाव पूरे कर लिये जायेंगे. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हम लोग एक विधिवत आवासन नीति पर काम कर रहे हैं, ताकि जो भी पदाधिकारी-कर्मी ड्यूटी कर रहे हैं, उनके परिवार-बच्चे एक स्थान पर रह कर पढ़ाई कर सकें और सामान्य जीवन जी सकें.
ट्रांसफर पोस्टिंग की नीति में भी बदलाव
डीजीपी भट्टी ने कहा कि दूसरा ट्रांसफर पोस्टिंग की नीति में भी बदलाव किया जा रहा है, ताकि आपकी परिवार के प्रति निजी जिम्मेदारियां और कर्तव्य के प्रति जिम्मेवारी में संतुलन बना रहे. महिलाओं की संख्या भी जो एक तिहाई होने जा रही है, उसको देखते हुए भी नीति में बदलाव आवश्यक है. उन्होंने कहा कि कुछ समय में यह दोनों बदलाव कर लिये जायेंगे. ध्यान रखेंगे कि काम के साथ-साथ आपका निजी जीवन भी सुखद रहे. इस मौके पर बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए माल्यार्पण किया.
बिहार के इन शहीद पुलिसकर्मियों को दी गयी श्रद्धांजलि
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नंदकिशोर यादव, दारोगा, मोहनपुर ओपी, समस्तीपुर
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बाल्मिकी कुमार, सिपाही, सिसवन थाना, सिवान
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मो. अब्बास, दारोगा, वारसलीगंज थाना, नवादा
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भुनेश्वर सिंह, एएसआइ, हुसैनगंज थाना, सिवान
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विक्रांत भारती, सिपाही, सिकरौली थाना, बक्सर
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रविश भारती, सिपाही, रजौली थाना, नवादा
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सतीश कुमार, एएसआइ, चेरौत थाना, सीतामढ़ी
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राजेश कुमार, सिपाही, यादवपुर थाना, गोपालगंज
आत्महत्या की स्थिति में देय नहीं होगी यह राशि
पुलिसकर्मियों द्वारा आत्महत्या कर लिये जाने की स्थिति में यह राशि देय नहीं होगी. भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के साथ ही बिहार पुलिस सेवा के अधिकारियों को भी इस तरह का लाभ मिल सकेगा. पुलिस मुख्यालय की पहल पर करीब लाखों पुलिसकर्मियों को इस लाभ से जोड़ा गया है.
छापेमारी के दौरान होने वाली मौत पर भी मिलेगा अनुदान
छापेमारी के दौरान होने वाली मौत पर भी अनुदान की यह राशि दी जाएगी. वहीं, उग्रवादी मुठभेड़, आपराधिक मुठभेड़, बारूदी सुरंग, नक्सली हमला, दंगा, दुर्घटना के दौरान मौत या इन घटनाओं में घायल होने के बाद इलाज के दौरान होने वाली मौत के मामलों में भी यह राशि दी जाएगी.
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क्यों मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस
बता दें कि हर वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. 21 अक्टूबर 1959 को भारत-चीन सीमा पर लद्दाख की बर्फीली ऊंचाइयों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक टोकरी पर चीनी आक्रमणकारियों द्वारा किए गए हमले में 10 बहादुर सैनिक शहीद हो गए थे. इसके बाद 1961 में पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि हर साल 21 अक्टूबर को पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जायेगा, तभी से यह परंपरा चली आ रही है.