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बिहार: मतदान के दिन महिला का हुआ निधन, परिवार ने पहले डाला वोट, फिर जाकर किया अंतिम संस्कार..

बिहार में मतदान के दिन घर में एक महिला का निधन हुआ तो परिवार के सदस्यों ने पहले मतदान करने का फैसला लिया.

By ThakurShaktilochan Sandilya | June 1, 2024 4:08 PM

जहानाबाद संसदीय सीट पर शनिवार को मतदान हो रहा है. लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का यह मतदान है. आज शाम में जब मतदान कार्य संपन्न हो जाएगा तो प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में कैद हो जाएगा. नयी सरकार किस गठबंधन की बनेगी, इसका भी फैसला देश की जनता कर लेगी. वहीं अब पांच साल के बाद ही लोगों को फिर से देश की सरकार तय करने का मौका मिलना है. इस बीच बिहार के जहानाबाद में एक परिवार ऐसा भी दिखा जिसके घर में मातम पसरा रहा. लेकिन शव के दाह संस्कार कराने से पहले परिवार के सदस्यों ने मतदान करने का फैसला किया.

पहले मतदान, बाद में दाह संस्कार

जहानाबाद लोकसभा संसदीय क्षेत्र के देवकुली गांव में एक बुजुर्ग महिला का निधन हो गया. परिवारजनों में मातम पसरा रहा. लेकिन लोकसभा चुनाव के महत्व को समझते हुए परिवार के सदस्यों ने बड़ा साहस भरा फैसला लिया जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. शोक में डूबे इस परिवार के लोग देश के प्रति अपने कर्तव्य को भी इस पीड़ा की घड़ी में नहीं भूले. मृतक के परिजनों ने पहले मतदान करने का फैसला लिया और उसके बाद शव का दाह संस्कार करने का निर्णय लिया.

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पहले मतदान किया, तब दाह संस्कार के लिए गए

अक्सर पार्थिव शरीर को उनके किसी परिजन के इंतजार में दाह संस्कार के लिए रोके रहना तो अक्सर देखा जाता रहा है लेकिन ऐसा पहले शायद ही देखा गया हो कि मतदान के लिए पार्थिव शरीर को दाह संस्कार का इंतजार करना पड़ा हो. दरअसल, घर में आपसी राय विचार विमर्श के बाद सभी सदस्यों ने एकराय बनायी और मतदान करके लौटने के बाद शवदाह करने का साहसी निर्णय ले लिया.

देवकुली गांव की घटना..

जहानाबाद जिला मुख्यालय से सटे देवकुली गांव निवासी मिथिलेश यादव के घर की ये हकीकत है. जिनकी 80 वर्षीय मां का निधन हो गया था. उनके निधन के कुछ ही घंटे बाद गांव के बूथ संख्या 151 पर मतदान प्रारंभ हो चुकी थी. घर के सभी सदस्यों ने तय कर लिया कि वो पहले मतदान कर लेंगे और उसके बाद पार्थिव शरीर का दाह संस्कार करने जाएंगे.

क्या कहते हैं मृतक के परिजन

इस संबंध में मृतक के पुत्र मिथिलेश यादव ने बताया कि मतदान 5 साल के बाद आता है. मेरी माताजी तो हमें छोड़ कर चली गई, अब वह लौट कर नहीं आएगी. इसलिए हम लोग पहले मतदान करने जा रहे हैं. पूरे परिवार के साथ हम लोग कतार में खड़े होकर पहले मतदान करेंगे इसके बाद शव का दाह संस्कार करेंगे.

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