गया में शव के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को खर्च करने होते हैं 635 रुपये, जानें पूरा मामला

Bihar News: गया में पोस्टमार्टम के बाद शव को पैक करने के सामान के साथ बेसरा जांच के लिए सैंपल को सुरक्षित रखने के लिए उपकरण भी पीड़ित परिजन को ही खरीद कर लाना होता है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2022 9:13 AM

जितेंद्र मिश्र

गया. मगध मेडिकल में जिले के अलावा अन्य जिलों के साथ रेलवे से शवों को पोस्टमार्टम के लिए लाया जाता है. यहां हर दिन लगभग पांच-छह शवों का पोस्टमार्टम होता है. पोस्टमार्टम के बाद शव को पैक करने के सामान के साथ बेसरा जांच के लिए सैंपल को सुरक्षित रखने के लिए उपकरण भी पीड़ित परिजन को ही खरीद कर लाना होता है. इसमें पीड़ित परिजनों को शव को पैक करने के लिए धागा, कफन व बेसरा जांच के लिए लिये गये सैंपल को सुरक्षित रखने के लिए दो किलो नमक, शीशा के दो जार उपलब्ध कराने होते हैं. इन सभी सामानों को खरीदने में 635 रुपये तक पीड़ित परिजनों को दुकान में भुगतान करना पड़ता है. हालांकि, अस्पताल सूत्रों का कहना है कि पूरी सामग्री अस्पताल को उपलब्ध करानी है, लेकिन मगध मेडिकल में व्यवस्था नहीं की गयी है. पीड़ित परिवार अस्पताल के नियम के अनुकूल मान कर इन सामग्रियों पर खर्च करते आ रहे हैं. अस्पताल में लावारिस शव को भी पोस्टमार्टम करने के लिए लाया जाता है.

शव के पोस्टमार्टम के लिए खर्च करने होते हैं 635 रुपये

लावारिस शव के पोस्टमार्टम के लिए सामान लाने में काफी देरी होती है. क्योंकि, इसका खर्च कौन उठायेगा, यह तय नहीं होता है. शहर लेकर पहुंचे पुलिस कर्मी अपने अधिकारी से बात करते हैं और किसी तरह खर्च को संबंधित थाने के अधिकारी को मैनेज करना होता है. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि लावारिस या फिर अन्य व्यक्ति के शव के पोस्टमार्टम में पैसा इंतजाम को लेकर कई बार किचकिच भी होती है. अब तक देखा जाये, तो इस मामले में किसी ने ध्यान ही नहीं दिया है. इस प्रक्रिया को कई वर्षों से लोग ने नियम बना दिया है.

Also Read: बोधगया में दलाईलामा का उपदेश सुनने पहुंचे 11 विदेशी श्रद्धालु कोरोना पॉजिटिव, गया एयरपोर्ट पर अलर्ट
अब जल्द खरीदा जायेगा सामान

प्राचार्य डॉ अर्जुन चौधरी अब तक एफएमटी विभाग से किसी तरह की खरीद की आवश्यकता नहीं जतायी गयी है. अभी तक पीड़ित परिजन से सामान खरीद कर मंगाया जाता है. हालांकि, इस प्रक्रिया को बदलने के लिए कार्रवाई की जा रही है. इसमें बदलाव जल्द ही कर दिया जायेगा. संबंधित विभाग के हेड को इस संबंध में पत्र देने को कहा गया है.

Next Article

Exit mobile version