Bihar News: निजी संस्था को सरकारी अस्पतालों में बंध्याकरण ऑपरेशन का ठेका देकर स्वास्थ्य विभाग सो गया है. खगड़िया के सरकारी अस्पतालों में निजी संस्था द्वारा सरकारी मापदंड व प्रावधान को ताक पर रख कर बंध्याकरण ऑपरेशन के दौरान महिलाओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ का खेल चल रहा है. पहले परबत्ता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एफआरएचएस नामक निजी संस्था द्वारा ऑपरेशन के दौरान खुलकर लापरवाही सामने आयी. गड़बड़ी से जुड़े वीडियो वायरल भी हुए. अब सोमवार को अलौली अस्पताल में ग्लोबल डेवलपमेंट इनिटीवेट नामक दरभंगा की संस्था द्वारा ऑपरेशन के दौरान महिलाओं ने अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है.
खगड़िया में ऑपरेशन के मानकों को ताख पर रखकर एक महिला को जानवरों की तरह बिना बेहोश किए बंध्याकरण (नसबंदी) कर दिया. महिलाएं चीखती रहीं तड़पती रही. इसके बाद भी बिना बेहोश किए लगा दिया चीरा और तड़पने के लिए छोड़ दिया. #bihar #khagadiya #castration pic.twitter.com/Ik1gP98Vqa
— Rajesh Kumar Ojha (@RajeshK_Ojha) November 17, 2022
मिली जानकारी अनुसार अलौली अस्पताल में बिना बेहोश किये ही महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया गया, इस दौरान महिलाएं दर्द से छटपटाती रही. चिल्लाने पर चार पांच लोग हाथ पैर पकड़ कर मुंह दबा दे रहे थे. प्रसव कराने आयी महिला का वायरल वीडियो सरकारी अस्पतालों में एनजीओ/निजी संस्था द्वारा किये जा रहे बंध्याकरण ऑपरेशन के दौरान धांधली की पोल खोल रहे हैं.
बता दें कि एक महिला के बंध्याकरण ऑपरेशन पर संस्था को सरकार 2170 रुपये का भुगतान करती है. कहा जाता है कि ज्यादा संख्या बढ़ाने के फेर में जैसे तैसे सरकारी प्रावधान व मापदंड को ताक पर रख कर बंध्याकरण ऑपरेशन कर जिदंगी से खिलवाड़ किया जा रहा है.
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अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को बंध्याकरण कैंप लगाया गया. जहां आपरेशन कराने आई महिलाओं को बिना बेहोश किए ही चिकित्सक ने महिला के पेट में चीरा लगा दिया. इस दौरान दर्द से महिला जब चिल्लाने लगी तो डॉक्टर और नर्स सहित चार पांच लोग मिलकर हाथ-पैर पकड़कर मुंह बंद कर जबरदस्ती आपरेशन कर दिया.
महिला दर्द से छटपटाती रही लेकिन डाक्टर और नर्स ने एक नहीं सुनी. ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं ने बताया कि बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए आयी महिलाओं के साथ एनजीओ का व्यवहार सहित इलाज का तरीका खतरे से खाली नही है.
परबत्ता सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने भी माना कि इस तरह एक साथ दो दर्जन से अधिक महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन देकर लिटाना गलत है. पहली गलती थी, इसलिये चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, आगे से इस तरह की लापरवाही सामने आयेगी तो कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा जायेगा.
Posted By: Thakur Shaktilochan