नवादा में एनआरआई मुखिया के नाम से फेमस पूजा की गयी कुर्सी, जाति को लेकर बोला था झूठ
दिसंबर 2021 में चुनाव परिणाम आया था, जिसमें उनकी जीत हुई थी. इसके बाद प्रतिद्वंद्वी आरती देवी ने निर्वाचित मुखिया पर आरोप लगायी कि वह गलत जाति प्रमाण पत्र बनाकर चुनाव लड़ी हैं और फिर आरती देवी यह दावा करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग में वाद 97/2021 दायर की थीं.
नवादा. जिले के रोह प्रखंड क्षेत्र के सिउर पंचायत की मुखिया पूजा कुमारी को पदमुक्त कर दिया गया है. फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने को लेकर यह कार्रवाई हुई है. मुखिया चुनाव के दौरान साल 2021 में खुद को दांगी जाति का बताते हुए जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लड़ीं थीं. दिसंबर 2021 में चुनाव परिणाम आया था, जिसमें उनकी जीत हुई थी. इसके बाद प्रतिद्वंद्वी आरती देवी ने निर्वाचित मुखिया पर आरोप लगायी कि वह गलत जाति प्रमाण पत्र बनाकर चुनाव लड़ी हैं और फिर आरती देवी यह दावा करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग में वाद 97/2021 दायर की थीं.
फर्जी जाति को लेकर हुई थी शिकायत
पूजा कुमारी ने अपनी जाति दांगी बताया था. दांगी जाति साल 2015 से बिहार में अति पिछड़ी जाति के रूप में सूचीबद्ध है. आरती देवी ने यह दावा करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत 97/2021 दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि निर्वाचित मुखिया पूजा कुमारी दांगी जाति से नहीं आती हैं, वह कोइरी जाति से आती हैं. कोइरी जाति अनुसूची 2 में है, जबकि दांगी अनुसूची 1 में है. शिकायत के आलोक में राज्य निर्वाचन आयोग के अनुरोध पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पुलिस महानिरीक्षक कमजोर वर्ग, अपराध अनुसंधान विभाग को जांच के लिए लिखा गया था.
एनआरआई मुखिया के रूप में मिली थी पहचान
जांच के दौरान कई तथ्य सामने आया है. इमामगंज, खीड़ी मोड़, पटना निवासी पूजा के पति संदीप कुमार सिन्हा का बयान था कि वह कोइरी जाति से है, पत्नी दांगी जाति से है. पूजा के परदादा रामू महतो के नाम से 1977 में निर्गत सर्वे खतियान में जाति कोइरी अंकित है. अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा जांच में जाति प्रमाण पत्र सही नहीं पाया गया, जिसके बाद मुखिया पर यह कार्रवाई की गई है. पूजा जब मुखिया निर्वाचित हुई थी तब सोशल मीडिया पर छा गई थीं. 2021 में मुखिया बनने के करीब 6 माह पहले ही उसकी शादी हुई थी. इसी साल पूजा की सास भी पटना जिले में मुखिया निर्वाचित हुई थीं.