बिहार में एक जुलाई से 28 नवंबर तक चरणबद्ध तरीके से होगा किसान आंदोलन, तैयार हुई रणनीति
रवींद्र भवन में एमएसपी-खाद्य सुरक्षा-कर्जमुक्ति राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन में बिहार के सभी जिलों से 12 सौ से अधिक किसान सहित राष्ट्रीय किसान नेता व राज्य के 11 किसान संगठनों के नेता शमिल हुए.
पटना. संयुक्त किसान मोर्चा एवं अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयुक्त तत्वावधान में बिहार के प्रमुख किसान संगठनों ने शनिवार को रवींद्र भवन में एमएसपी-खाद्य सुरक्षा-कर्जमुक्ति राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन में बिहार के सभी जिलों से 12 सौ से अधिक किसान सहित राष्ट्रीय किसान नेता व राज्य के 11 किसान संगठनों के नेता शमिल हुए.
24-सूत्रीय किसान मांगपत्र किया गया पेश
किसान नेता नंद किशोर सिंह ने 24-सूत्रीय किसान मांगपत्र को पेश किया. इसमें एमएसपी की कानूनी गारंटी, संपूर्ण कर्जमुक्ति, खाद्य सुरक्षा की गारंटी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए किसान पेंशन सहित आम नागरिकों के मुद्दे शामिल थे.
11 सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किसानों को किया संबोधित
वहीं, सम्मेलन में 11 सदस्यीय अध्यक्ष मंडल में उमेश सिंह , राजेंद्र प्रसाद सिंह,रामबृक्ष राम, ऋषि आनंद, बीबी सिंह, मणिकांत पाठक , नंद किशोर सिंह, उदयन राय, विजय कुमार चौधरी, मनोहर लाल कुशवाहा, पुकार शामिल हुए. मौके पर ऋषि आनंद, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव विज्जु कृष्णन, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव आशीष मित्तल, क्रांतिकारी किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता अवतार सिंह महिमा, ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यवान, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के राष्ट्रीय नेता अशोक बैठा, कीर्ति किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र सिंह तथा एनएपीएम के नेता आशीष रंजन ने किसानों को संबोधित किया.
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ऐसे होगा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन
किसान नेता विनोद कुमार ने कहा कि एक जुलाई से 15 अगस्त के बीच देश के किसानों, खेत मजदूरों को एकजुट करने के लिए जिलों में जिला-स्तरीय सम्मेलन, नौ अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन और अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर कारपोरेट बहिष्कार दिवस और जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन, 15 अगस्त को आजादी बचाओ दिवस,16 अगस्त से 30 सितंबर के बीच किसानों और खेत मजदूरों के बीच मांगों को उठाया जायेगा. 26 नवंबर से 28 नवंबर तक तीन दिवसीय महाधरना होगा.