सीवान में बारिश नहीं होने से किसान उदास, धान के खेतों में पड़ने लगी दरार

अब जमकर बादल बरसेंगे लेकिन मॉनसून का वेब कमजोर पड़ने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गयी है. किसानों का कहना है कि यदि एक पखवारे तक बारिश नहीं होगी तो धान के उत्पादन में भारी कमी होगी.

By Ashish Jha | September 3, 2023 5:37 PM

सीवान. कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़, किसान प्रकृति की दोहरी मार झेलने को विवश हैं. धान के फसल लगाये किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. किसानों को सूखा की काली छाया पड़ने की संभावना दिखायी दे रही है. तेज धूप और गर्मी के कारण खेतों में दरारें पड़ने लगी है. किसान आकाश की ओर नजर गड़ाये हुए हैं. अब जमकर बादल बरसेंगे लेकिन मॉनसून का वेब कमजोर पड़ने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गयी है. किसानों का कहना है कि यदि एक पखवारे तक बारिश नहीं होगी तो धान के उत्पादन में भारी कमी होगी.

सितंबर माह में भी पूरी तरह से रुठे हुए हैं इंद्रदेव

जुलाई और अगस्त के बाद सितंबर महीने में भी इंद्रदेव पूरी तरह से रुठे हुए हैं. सावन के अंतिम सप्ताह में भी धरती पर बारिश की एक बूंद भी नहीं पड़ी. बरसात के लिए प्रसिद्ध महीना भादो चल रहा है, लेकिन भादो में बारिश के स्थान पर चिलचिलाती धूप, खेतों में फटी दरार और सड़कों पर उड़ रही धूल किसानों की चिंता बढ़ा रही है. सावन के बाद अब भादो महीना भी किसानों की आशा और उम्मीदों पर पानी फेर रहा है. खेतों में किसानों की मेहनत झुलस रही है. पानी की कमी से इसमें ग्रोथ और उत्पादन के आसार खत्म होने लगे हैं. अगस्त में औसतन 282.40 एमएम बारिश की जरूरत होती है, लेकिन अगस्त महीने में सामान्य से 5.5 फीसदी कम महज 267.10 एमएम बारिश हुई है.

किसानों की मेहनत पर मंडराने लगे हैं संकट के बादल

ऐसे में किसानों की मेहनत पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इससे उनके चेहरे पर मायूसी है. धान के पौधों में रौनक नहीं है. किसान पंपसेट से खेतों की सिंचाई कर रहे हैं, लेकिन जहां सुविधा नहीं है, वहां किसान भगवान भरोसे बैठे हैं. सबसे ज्यादा किसानों की चिंता लागत पूंजी को लेकर है. यदि अब भी बारिश नहीं हुई, तो धान के उत्पादन में भारी कमी का आना लाजिमी है. अन्नदाता अपनी फसल को पंपसेट आदि साधनों से इस आस में बचाने में जुटे हुए हैं कि भादो में बारिश की धार फूटेगी और फसलों को नया जीवन मिल जायेगा. किसान चंद प्रकाश भगत , अरुण कुशवाहा, भोला बिंद आदि ने बताया कि अब तो एक-एक दिन पहाड़ की तरह कट रहा है.

मक्का के फसल में उर्वरक नहीं डाल रहे है किसान

बारिश नहीं होने से मक्का के फसल भी प्रभावित हो रही है. किसानों का कहना है कि हमलोग बारिश के इंतजार में हैं. मक्का के फसल में जब तक बारिश नहीं होगी, उर्वरक खाद नहीं दिया जायेगा.

चिलचिलाती धूप से परेशान रहे लोग

रविवार को सुबह से ही तीखी धूप निकली .दोपहर होते-होते आसमान से आग बरसने लगी. बेबस गर्मी व उमस से लोग पंखे के नीचे बैठकर भी पसीना-पसीना होते रहे. गर्मी का आलम यह था कि दोपहर के बाद सड़कों पर सन्नाटा पसर गया. रविवार को जिले का तापमान करीब 38 डिग्री सेंटीग्रेड दर्ज किया गया. मौसम विभाग की माने तो मंगलवार तक बारिश की कोई संभावना नहीं है.

अगस्त में 267.10 एमएम हुई बारिश

जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने बताया कि अगस्त महीने के 26 दिनों में 267.10 एमएम बारिश हुई है. जबकि अगस्त में सामान्य बारिश 282.40 एमएम होनी चाहिए. अगस्त में सबसे अधिक सिसवन में 408.6 एमएम बारिश हुई. जबकि सबसे कम दरौंदा में 132.4 एमएम, आंदर में 191.5, बड़हरिया 251.8, बसंतपुर 221.4, भगवानपुर हाट में 212.0, दरौली 254.4, गोरेयाकोठी में 285.3, गुठनी में 201.4, हसनपुरा में 339.3, हुसैनगंज में 250.0, लकड़ी नबीगंज में 300.0, महाराजगंज में 246.0, मैरवा 427.6, नौतन में 318.4, पचरुखी में 158.2, रघुनाथपुर में 365.6, सीवान सदर में 201.4 व जीरादेई 375.4 एमएम बारिश हुई.

Next Article

Exit mobile version