अश्वगंधा जैसे 40 औषधीय पौधे की खेती से बदल रही है बिहार के किसानों की किस्मत, हजारों के मुनाफे से आयी खुशहाली
औषधीय पौधे की जैविक खेती एवं जैविक प्रमाणीकरण विषय पर क्वालिटी कौंसिल इंडिया एवं राष्ट्रीय पादप बोर्ड नयी दिल्ली द्वारा पटना में राजयस्तरीय कार्यशाला का आयोजन सोमवार को किया गया था. इस कार्यशाला में पूरे बिहार के विभिन्न जिलों के करीब 40 औषधीय पौधे की खेती करने वाले किसान शामिल हुए.
बिहारशरीफ. औषधीय पौधे की जैविक खेती एवं जैविक प्रमाणीकरण विषय पर क्वालिटी कौंसिल इंडिया एवं राष्ट्रीय पादप बोर्ड नयी दिल्ली द्वारा पटना में राजयस्तरीय कार्यशाला का आयोजन सोमवार को किया गया था. इस कार्यशाला में पूरे बिहार के विभिन्न जिलों के करीब 40 औषधीय पौधे की खेती करने वाले किसान शामिल हुए.
राज्य औषधीय पादप बोर्ड के पौधे की खेती करने वाले किसान शामिल हुए. राज्य औषधीय पादप बोर्ड के सीइओ अरविंदर सिंह ने इस कार्यशाला में बिहार के किसानों में औषधीय पौधे खासकर अश्वगंधा की खेती करने के प्रति बढ़ रही रूचि पर प्रसन्नता की.
पान एवं औषधीय पौधा का अनुसंधान केंद्र इस्लामपुर के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. मंसूर चक प्रखंड अंतर्गत अहियापुर गांव निवासी शैलेंद्र कुमार चौधरी ने पिछले वर्ष पांच एकड़ में अश्वगंधा की खेती की थी. अश्वगंधा की खेती से किसान को धान से 38.6 प्रतिशत, गेहूं भी खेती से 51.28 प्रतिशत एवं मक्का की खेती 44.87 प्रतिशत अधिक मुनाफा हुआ.
उन्होंने बताया कि अश्वगंधा की एक हेक्टेयर खेती में 35 से 38 हजार लागत खर्च आता है. इस खेती से प्रति हेक्टेयर 90 से 95 हजार रुपये की आय होती है. इस प्रकार किसानों को प्रति हेक्टेयर 58 से 60 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा होता है.
बेगूसराय के अहियापुर के किसान शैलेंद्र कुमार चौधरी की इस सफलता से प्रेरणा चालू सीजन में बिहार के कई किसानों ने अश्वगंधा की खेती करने के लिए पान एवं औषधीय पौधा अनुसंधान केंद्र इस्लामपुर से संपर्क कर बीच उपलब्ध कराने को कहा है.
इन किसानों में बाजार समिति सारण के किसान संजय गुप्ता 10 एकड़ में, भवानीपुर संग्रामपुर, पूर्वी चंपारण के किसान विनय शंकर ठाकुर दो एकड़ में अश्वगंधा, तुलसी व खस की, सरैया बदुराहा पोस्ट डुमरिया घाट पूर्वी चंपारण के मधुसुदन दूबे ने दो एकड़ में अश्वगंधा, भगवतीपुर जंदाहा वैशाली के किसान अजीत सिंह ने 100 पेड़ अगरवुड की खेती, चांदपुर बेला जक्कनपुर पटना के किसान शिव शंकर सिंह ने 100 पेड़ अगरवुड की खेती के लिए इस्लामपुर केंद्र से बीज उपलब्ध कराने को कहा है.
अरबा नागरा के किसान लोकेश कुमार ने दो एकड़ देसी सतावर की खेती, वेस्ट नोरवा रोहतास की महिला सवेया बाल रोहतास के किसान उमेश प्रसाद ने पांच एकड़ में अश्वगंधा की खेती करने, इसी गांव के किसान सुरेंद्र सिंह ने पांच एकड़ में अश्वगंधा की खेती करने, अभिषेक कुमार ने पांच एकड़ में अश्वगंधा की खेती करने के लिए इस्लामपुर केंद्र से बीज उपलब्ध कराने को कहा है.
शक्ति कुमार ने एक एकड़ में तुलसी की खेती करने, घोसिया विक्रमगंज रोहतास के किसान धमेंद्र कुमार ने 125 अगरवुड छतौना नोरवा रोहतास के रामाशीष ने 125 अगरवुड व काली हल्दी की खेती करने, इसी गांव के विक्रम ने 125 अगरवुड पेड़, डुमरांव बक्सर के विकास लाल ने चार एकड़ में श्याम तुलसी, खुदना रूपसपुर कटिहार के सुनील कुमार यादव ने एक एकड़ में अश्वगंधा व एक एकड़ में देसी सतावर की खेती करने के लिए इस्लामपुर केंद्र से बीज उपलब्ध कराने को कहा है.
डॉ. एसएन दास ने बताया कि औषधीय कृषि संस्थान यूपी की शाखा रोहतास केा नोरवा में हैं. जिसने बिहार में उत्पादित सभी अश्वगंधा व अन्य औषधीय पौधे को खरीदने का आश्वासन दिया है. उन्होंने बताया कि नालंदा जिले के किसान भी अश्वगंधा की खेती का लाभ उठा सकते हैं. इच्छुक किसान बीआरसी इस्लामपुर के वैज्ञानिक डॉ. अजीत कुमार पांडेय से संपर्क कर सकते हैं.
Posted by Ashish Jha