पटना. पालीगंज के खिरी मोड़ थाने के गौसगंज निवासी व दिव्यांग राजेंद्र यादव व उनकी तीसरी पत्नी शारदा देवी की हत्या की गुत्थी को पटना पुलिस ने सुलझा लिया है. इन दोनों की हत्या का मास्टरमाइंड और कोई नहीं, बल्कि दिव्यांग का अपना बेटा राकेश यादव निकला. इसने अपने ममेरे भाई नीतीश की मदद से तीन लाख की सुपारी देकर दोनों की हत्या करा दी थी और शव को खिरी मोड़ थाने के मदारीपुर गांव के सड़क किनारे फेंक कर फरार हो गये थे. पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड राकेश यादव व नीतीश को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही शूटरों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.
लगातार पुश्तैनी जमीन को बेच रहे थे राजेंद्र यादव
बताया जाता है कि राजेंद्र यादव लगातार पुश्तैनी जमीन को बेच रहे थे और सारा पैसा अपनी तीसरी पत्नी शारदा देवी को दे रहे थे. जबकि शारदा देवी भी उस पैसे को किसी और को दे रही थी. यहां तक कि उनके नाम पर जमीन भी लिख दी थी. जिसके कारण एक बीघा से कम जमीन ही बची थी. राजेंद्र दमन में नौकरी करते थे और उन्हें इस बात की जानकारी मिल गयी. इसके बाद वे छह माह पहले अपने पैतृक आवास पहुंचे और पिता से पैसे की मांग की, जो नहीं मिली. राकेश राजेंद्र यादव की पहली पत्नी से है. उसने अपनी जमीन काे बचाने के लिए दोनों की हत्या का प्लान बनाया.
जमीन नहीं बचेगी तो कुछ नहीं मिलेगा
राकेश ने पिता की दूसरी पत्नी के भाई के बेटा यानि ममेरे भाई नीतीश से बात की और कहा कि जब जमीन नहीं बचेगी तो कुछ नहीं मिलेगा. इस पर नीतीश सहयोग करने के लिए तैयार हो गया और एक शूटर को तीन लाख में हायर किया. उसे दस हजार रुपया भी दे दिया. इसके बाद नीतीश व शूटर ने हत्या की घटना को अंजाम दे दिया. इस मामले में फिलहाल शूटर फरार है और घटना में प्रयुक्त हुआ हथियार उसके ही पास है. राजेंद्र काे तीन गाेली मारी गयी थी और शारदा देवी को दो गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.
तीसरी पत्नी से नहीं है कोई पुत्र या पुत्री
दिव्यांग राजेंद्र यादव ने तीन शादियां की थीं. तीसरी शादी उसने महेशपुर निवासी शारदा देवी से की थी. इससे कोई पुत्र या पुत्री नहीं है. शारदा भी पहले से शादीशुदा थी और उसने अपने पहले पति को छोड़ दिया था. इसके बाद उसके पति ने शारदा के बहन से शादी कर ली थी. गिरफ्तार 21 वर्षीय राकेश मैट्रिक पास है, जबकि 19 वर्षीय नीतीश इंटर पास है. ये दोनों पहले से ही राजेंद्र यादव से खफा रहते थे.
पुश्तैनी जमीन की रसीद कटवाने की बात कह ले गया साथ में
राकेश ने जब हत्या का पूरा प्लान बना लिया तो उसने अपने पिता राजेंद्र यादव को कहा कि दादा-परदादा की पुश्तैनी जमीन को वे अपने नाम से करा लें. इससे शारदा देवी को भी सहूलियत होगी. राजेंद्र व शारदा देवी को लगा कि राकेश सही बोल रहा है. जमीन के कागजात सही रहेंगे तो बेचने और ट्रांसफर करने में भी आसानी होगी. इसके बाद 22 नवंबर की रात को राकेश ने राजेंद्र यादव व शारदा देवी को बताया कि रसीद कटवाने के लिए एक आदमी से मिलने के लिए विक्रम चलना है. इस पर राजेंद्र ने कहा कि सुबह में चलते हैं. इस पर राकेश व उसके साथ रहे नीतीश ने कहा कि वे लोग रात में दो बजे निकलेंगे तो सुबह में आराम से विक्रम पहुंच जायेंगे और वहां उस व्यक्ति से मिलने के बाद रसीद कटवाने का काम शुरू हो जायेगा.
नीतीश ले गया था बाइक से
जब दोनों तैयार हो गये तो नीतीश अपनी बाइक पर राजेंद्र व शारदा को बैठा कर विक्रम के लिए निकल गया. पहले से ही नीतीश का सहयाेगी मदारपुर गांव के पास उन लोगों के आने का इंतजार कर रहा था. वे लोग जैसे ही वहां पहुंचे, वैसे ही नीतीश ने बाइक रोक दी. इतने में ही नीतीश का शूटर वहां पहुंच गया और उसने दोनों को गोली मार दी. इसके बाद दोनों की मरने की पुष्टि होने के बाद वहां से बाइक से निकल गये. इधर, डबल मर्डर की जानकारी मिलने पर सिटी एसपी वेस्ट राजेश कुमार के नेतृत्व में एसडीपीओ प्रीतम कुमार, थानाध्यक्ष सैफुल्लाह अंसारी ने जांच शुरू की तो शक राकेश की ओर गया. क्योंकि फोन से जब पुलिस ने बात की तो उसने अपने आप को हरियाणा में होने की जानकारी दी. जबकि गांव में जांच करने पर पता चला कि वह यहां ही था और घटना के बाद से घर नहीं आया है. उसके मोबाइल का लोकेशन भी गांव का ही मिला. इसके बाद उसके नंबर का सीडीआर निकाला तो नीतीश का नंबर सामने आ गया. इसके बाद नीतीश को चालाकी से बुला कर पूछताछ की गयी तो उसने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर सारी कहानी बता दी. इसके बाद राकेश को भी गिरफ्तार कर लिया गया. सिटी एसपी वेस्ट राजेश कुमार ने बताया कि शूटर की पहचान हो चुकी है. पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.