Bihar News: बिहार के लोग इन दिनों जंगली जानवरों की दस्तक से खौफ में जी रहे हैं. कहीं बाघ ने लोगों को घरों में कैद रहने पर मजबूर किया है तो कहीं गैंडे के उत्पात से लोग परेशान हैं. इतना ही नहीं, इन दिनों जंगली हाथियों का झुंड लगातार नेपाल से बिहार में प्रवेश कर रहा है. जो कहीं किसानों के फसलों को नष्ट कर रहा है तो कहीं लोगों के घर-दीवारों को ही तोड़ रहा. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ये भ्रमण कर रहे हैं.
सीतामढ़ी के लोग पिछले कई दिनों से एक बाघ के कारण दहशत में जीने को मजबूर हैं. ये बाघ कई जानवरों को अपना शिकार बना चुका है. वन विभाग की टीम रेस्क्यू में कई दिनों से जुटी है लेकिन बाघ को ढूंढ पाने में काफी परेशानी हो रही है.
बाघ का खरका और रामपुर परोरी के जंगलों में छिपने की आशंका है. करीब 60 कर्मियों की टीम उसे ढूंढ रही है लेकिन वो पकड़ से बाहर है. स्पेशल पिंजरा लेकर टीम पहुंची है और बाघ को नहीं पकड़ा जा सका. बाघ ने दो महिलाओं को भी जख्मी कर दिया था.
Also Read: Bihar: हत्या के बाद भागलपुर जेल में बंद कैदी का बदला हृदय, रामचरितमानस का अंगिका में कर दिया अनुवाद
सीमांचल के किशनगंज अंतर्गत दिघलबैंक में हाथियों ने उत्पात मचा रखा है. ये जंगली हाथी नेपाल से झुंड बनाकर इस साल भी आए हैं. बाजार के बगल वाले चुरिपट्टी गांव में हाथियों ने ग्रामीण जय प्रकाश रॉय के कच्चे मकान को तोड़ दिया. सीमावर्ती क्षेत्र में जंगली हाथियों के आतंक से लोग तबाह हैं. ये हाथी मकइ व आलू की फसल को बर्बाद कर रहे हैं. वहीं लोगों के घर-मकान को भी ढाह रहे हैं.
पश्चिमी चंपारण जिले के लोग गैंडा के आतंक से परेशान हैं. तीन वन क्षेत्रों की टीम निगरानी में लगी है. कर्मी पेड़ पर बैठ कर निगरानी कर रहे हैं. बाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो मदनपुर वन क्षेत्र की मंगलपुर औसानी पंचायत के बांसगांव सबेया गांव के पास सरेह के गन्ना के खेत में ये गैंडे जमे हुए हैं. किसानों ने अचानक इन गैंडों को जब अपने खेतों में देखा तो चिल्लाने लगे. वीटीआर प्रशासन को सूचना मिली तो गैंडा पकड़ने के एक्सपर्ट को रेस्क्यू में लगाया गया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan