बिहार: क्या पता कब के के पाठक स्कूल आ धमकें, शिक्षकों में औचक निरीक्षण को लेकर मचा हड़कंप

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का खौफ इन दिनों सूबे के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर साफ दिख रहा है. के के पाठक स्कूलों का औचक निरीक्षण करने निकल रहे हैं. हाल कुछ ऐसा है कि पड़ोसी जिलों में हड़कंप मचा दिखता है. शिक्षक सही समय पर स्कूल पहुंच रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2023 8:01 AM

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का खौफ इन दिनों स्कूलों में दिख रहा है. शिक्षा व्यवस्था को लेकर की गई सख्ती और निलंबन की कार्रवाई से राज्य भर के शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है.आलम कुछ ऐसा है कि हर दिन ये चर्चा अलग-अलग देखी जा रही है कि आज शायद के के पाठक औचक निरीक्षण पर स्कूल आ जाएंगे. जहां भी ये चर्चा छिड़ी कि वहां शिक्षक पूरे अलर्ट मोड पर दिख रहे हैं. कई जगहों पर उनके आने की अफवाह से शिक्षक परेशान हैं. वहीं दूसरी ओर के के पाठक स्कूलों में औचक निरीक्षण करने पहुंच भी रहे हैं.

दानापुर के स्कूल पहुंचे के के पाठक

केके पाठक शुक्रवार को सुबह 10 बजे दानापुर के शाहपुर स्थित सियाराम सिंह यादव हाइस्कूल में औचक निरीक्षण पहुंचे. 45 मिनट तक उन्होंने स्कूल की साफ-सफाई और छात्रों की उपस्थिति पर दिशा-निर्देश दिये. के के पाठक ने कक्षाओं का निरीक्षण करते हुए मौजूद शिक्षकों व छात्रों से बातें कीं. स्कूल के लैब, शौचालय, पेयजल समेत का भी जायजा लिया. साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी व प्रभारी प्राचार्य को दिशा-निर्देश दिये.

विद्यार्थियों ने अपर मुख्य सचिव से की शिकायत..

कक्षा 9-10 के विद्यार्थियों ने अपर मुख्य सचिव से कहा कि विज्ञान का शिक्षक नहीं हैं और इंटर के विद्यार्थियों ने कहा कि साइंस का शिक्षक नहीं हैं. इस पर पाठक ने डीइओ को निर्देश दिया कि जल्द दो विषय के शिक्षक प्रतिनियुक्त करें. साथ ही स्कूल के जर्जर दो कमरे को देखकर डीइओ को कनीय अभियंता से निर्माण कराने का भी निर्देश दिया. पाठक ने स्कूल के प्रभारी प्राचार्या खुर्शीद खातून व प्रधान लिपिक अश्विनी पाण्डेय ने कई दिशा-निर्देश दिये. निरीक्षण के दौरान अनुमंडल में शिक्षा विभाग व शिक्षकों में हडकंप मच गया.

Also Read: बिहार: मुजफ्फरपुर में गैंगवार को लेकर खुफिया विभाग ने 6 महीने पहले किया था अलर्ट, सच हुआ साबित
अपर मुख्य सचिव के आने की उड़ी अफवाह, सुपौल में दिन भर मचा रहा हड़कंप

बता दें कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक की शिक्षा व्यवस्था को लेकर की गई सख्ती और निलंबन की कार्रवाई से राज्य भर के शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. हर दिन विभिन्न जिलों में अपर मुख्य सचिव द्वारा जांच की बात सामने आ रही है. इसी बीच गुरुवार को सुपौल जिले में अचानक से अपर मुख्य सचिव केके पाठक के जांच में आने का अफवाह से शिक्षकों में हड़कंप मच गया था. कार्रवाई के डर अधिकांश जगहों पर ससमय स्कूल खुला तो शिक्षक भी निर्धारित समय पर उपस्थित थे.

मधुबनी दौरा को लेकर कोसी क्षेत्र में मचा हड़कंप

दरअसल बुधवार को अपर मुख्य सचिव का मधुबनी में दौरा हुआ. इसकी वजह से बुधवार की शाम से ही अपर मुख्य सचिव के जिला आने की अफवाह फैल गई. धीरे-धीरे सुबह तक यह भी अफवाह उड़ने लगी कि अपर मुख्य सचिव अतिथि गृह में ठहरे हैं और कभी भी स्कूलों की जांच हो सकती है. इसकी वजह से गुरुवार को शहर से ग्रामीण क्षेत्र तक स्कूलों में अलग ही नजारा दिखा. स्कूल समय से खुल गए थे तो शिक्षक भी निर्धारित समय पर स्कूल पहुंच गए थे. देर शाम तक इसी तरह स्कूलों में अपर मुख्य सचिव के आने का हड़कंप मचा रहा. हालांकि छुट्टी के बाद में शिक्षकों ने राहत की सांस ली.

कर्मचारी से पदाधिकारियों तक की बजती रही फोन की घंटी

अपर मुख्य सचिव के जिला आने की अफवाह और इसकी पुष्टि नहीं होने से बुधवार से ही शिक्षकों में हड़कंप मचा था. अपर मुख्य सचिव के जिला आने की बात सही है या गलत यह जानने के लिए कई लोगों ने तो अपने सारे सूत्र लगाए. ताकि जांच होने से पहले जानकारी मिल जाए और बचने का कुछ उपाय किया जा सके. इसकी वजह से बुधवार देर शाम से ही शिक्षा विभाग के कर्मचारी से पदाधिकारियों तक के फोन की घंटी बजती रही. स्थिति यह थी कि शिक्षा विभाग के कर्मचारियों में भी असमंजस की स्थिति बनी थी. के के पाठक का इतना खौफ दिख रहा है कि जो शिक्षक महीना में गाहे-बगाहे स्कूल जाते थे अब समय से पहले ही स्कूल पहुंचने लगे हैं.

मधेपुरा में भी शिक्षकों में दिखी भागमभाग की स्थिति

मधेपुरा जिले में भी शिक्षकों के भागमभाग की यही स्थिति बनी रही. मधेपुरा में केके पाठक के नाम का खौंफ सबसे अधिक कॉलेजों के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों में दिखा. कोई कहता अभी अवध बिहारी कॉलेज में हैं. यहां के बाद किसी मदरसा में जायेंगे. केके पाठक के टार्गेट पर संस्कृत विद्यालय भी हैं. कभी-कभार कॉलेज जाने वाले कर्मी भी अपने संस्था को तबज्जो देते दिखे. उनको रास्ते में चाय-पान करने या किसी से बातें करने की फुर्सत नहीं थी. गुरुवार को सरकारी कॉलेज से अधिक संबद्ध कॉलेज चुस्त-दुरुस्त नजर आये. अनुदान पाने वाले ऐसे कॉलेजों में आज शिक्षकों की लगभग शत-प्रतिशत हाजिरी बनी थी. प्रधानाचार्य और शिक्षकेत्तर कर्मी अभिलेखों को पूरा करने व उन्हें व्यवस्थित करने में लगे रहे.

Published By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version