बिहार में बेखौफ बालू माफिया, गांधी सेतु के नीचे रोज सजती है बालू की अवैध मंडी
गंगा और सोन में अवैध बालू खनन अब भी जारी है. भले ही रात के अंधेरे में बालू खनन का काम किया जाता हो, लेकिन कोइलवर से लेकर पटना तक कई घाटों पर बालू की अवैध मंडियां संचालित हो रही हैं.
पटना. गंगा और सोन में अवैध बालू खनन अब भी जारी है. भले ही रात के अंधेरे में बालू खनन का काम किया जाता हो, लेकिन कोइलवर से लेकर पटना तक कई घाटों पर बालू की अवैध मंडियां संचालित हो रही हैं.
मंगलवार को प्रभात खबर ने बालू के अवैध कारोबार को लेकर एक बार फिर पड़ताल की, तो पता चला कि गांधी सेतु के ठीक नीचे ही वैशाली जिला क्षेत्र में ही बालू की अवैध मंडी लग रही है.
यहां रोज 500 से अधिक नावों पर सैकड़ों क्विंटल गंगा के रास्ते बालू को लाया जा रहा है. घाटों पर नाव से बालू निकाल ट्रैक्टर पर लोड किया जाता है, जहां से बाजार में बालू बिकने के लिए जाता है. शाम चार बजे के बाद ही यहां मंडी सज जाती है.
लगातार हो रही कार्रवाई
राज्य सरकार सूबे में अवैध बालू खनन रोकने के लिए काफी सख्त कदम उठा रही है. अधिकारियों के निलंबन के बाद अब उनके अवैध संपत्ति पर आर्थिक अपराध इकाई छापेमारी कर रही है.
इस मामले में अब तक इस मामले में अब तक दो एसपी, चार डीएसपी सहित 41 अफसर नप चुके हैं. इतनी सख्ती और लगातार छापेमारी के बाद काफी हद तक बालू के अवैध धंधे पर रोक तो लगी है, लेकिन अब भी खनन जारी है.
यहां हो रहा अवैध खनन
कोइलवर-बिहटा से लेकर पटना तक शाम ढलते ही अवैध खनन का खेल शुरू हो जाता है. कोइलवर के पास कमालचक, मानाचक, सुरौधा टापू सहित करीब एक दर्जन जगहों से बालू का अवैध खनन होता है. नावों से पूरी नदी पट जाती है. जैसे-जैसे बालू लोड होती जाती है, नावें अपनी मंजिल की ओर बढ़ जाती हैं.
यह काम सुबह तीन-साढ़े तीन बजे तक चलता है. यहां से कई दिशाओं में बालू को ले जाया जाता है. छपरा के डोरीगंज, सोनपुर, मनेर, दीघा घाट, पहलेजा घाट और फिर सोनपुर और फिर पटना के कई घाटों पर बालू लाया जाता है.
Posted by Ashish Jha