मुजफ्फरपुर. गबन के आरोपित दंपत्ति को दबोचने पुणे गयी ब्रह्मपुरा पुलिस टीम के साथ कविता की फंदे से लटकी मिली. लाश का मामला रोज नये तरीके से उलझता जा रहा है. परिजन हर दिन एक नया व गंभीर आरोप लगा रहे हैं. लेकिन, मुजफ्फरपुर पुलिस की ओर से अबतक इस पर कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है. जैसा की कविता के पिता और पति का दावा है. ब्रह्मपुरा पुलिस के तीनों पदाधिकारी-जवान परिजन के शक के घेरे में हैं.
पति भुपेंद्र कुमार ने बताया कि कविता के फंदे पर लटकने के एक दिन पहले यानी 10 अगस्त की रात को उनकी लंबी बातचीत हुई. करीब 53. 02 मिनट हुई बात में वह वहां हो रही परेशानी के संबंध में किसी प्रकार की बात नहीं कही. हालांकि, नहाने, खाने आदि की परेशानी से पति को अवगत जरूर कराया था. बताया कि कविता एक माह की गर्भवती भी थी. भूपेंद्र ने बताया कि आठ अगस्त की रात वे लोग पुणे पहुंचे थे. वहां एक होटल में ठहरे. लेकिन, इसबीच 10 अगस्त को तीनों पदाधिकारी व जवान ने आनन फानन में होटल बदल लिया. कविता को उसकी होटल में छोड़ दिया. इसकी जानकारी कविता ने बातचीत के दौरान उन्हें यानी अपने पति को दी थी. लेकिन, होटल बदलने की जानकारी नहीं दे पायी थी.
जानकारी हो कि 10 की रात बातचीत होने के बाद कविता सो गयी. 11 अगस्त की सुबह जब कविता ने अपने पति भुपेंद्र कुमार को कॉल किया तो बातचीत नहीं हो पायी. वह किसी काम की वजह से बाहर था, जब लौटा तो कविता को फोन किया. लेकिन, अब कविता ने कॉल रिसिव नहीं किया. इस पर वह कई दफा कॉल किया. लेकिन, बात नहीं हुई. इसके बाद जिस पदाधिकारी के साथ वह पुणे गयी थी, उनसे संपर्क साधाने का प्रयास किया. काफी प्रयास के बाद पदाधिकारी ने कॉल रिसिव किया और हादसे की जानकारी दी. रूम बंद था. मास्टर की से रूम खोला गया.
रविवार को बड़ी संख्या में महिला सिपाही पुलिस लाइन पहुंची थी. पुलिस लाइन पहुंचने पर जानकारी मिली कि साेमवार सुबह डेडबाॅडी मुजफ्फरपुर पहुंचेगा. मालूम हो कि महिला सिपाहियाें के गुस्सा से पुलिस के आला अधिकारी भी अवगत है. भुपेंद्र और कविता के पिता बृज कुमार ने बताया कि पुणे पुलिस या मुजफ्फरपुर पुलिस का वहां सहयोग नहीं मिला. सब कुछ उनलोगों को ही करना पड़ा. ब्रह्मपुरा पुलिस की टीम इनलोगों से लगातार बचती रही. डेडबाॅडी का पाेस्टमार्टम करने के बाद पुणे पुलिस ने पति भूपेंद्र काे साैंप दिया.