भागलपुर सदर अस्पताल का ओपीडी पिछले दो दिनों से बंद है. वजह दो तारीख को गांधी जयंती व तीन को रविवार. ऐसे में ओपीडी में मरीज नहीं आये. प्रसव और नवजात को टीका दिलाने के लिए परिजन परेशान रहे. नवजात को टीका दिलाने को लेकर परिजनों को गुहार लगानी पड़ी. मरीज रविवार सुबह से ही सदर अस्पताल में परेशान दिखे. जगदीशपुर से प्रसव पीड़ा के साथ अनुराधा कुमारी को लेकर परिजन सदर अस्पताल पहुंचे. अनुराधा की जांच लेबर रूम में की गयी.
नर्स ने जांच के बाद सर्जरी की सलाह दी. नर्स ने सलाह दी कि डॉक्टर की यहां कमी है. अभी अगर किसी को कॉल करेंगे तो आने में कम से कम दो घंटे लगेगा. परिजन कहते हैं अनुराधा को लेकर कहीं और ले जाने की सलाह नर्स ने दी. इसी बीच एक सीनियर डॉक्टर पहुंचे. उन्होंने कहा कि सर्जरी संभव नहीं है.
अनुराधा की हालत गंभीर है. ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर ने कहा अभी हाल ही में एमबीबीएस पढ़ कर आये हैं. अकेले ऑपरेशन करने का अनुभव नहीं है. दवा लिख सकते हैं. सर्जरी का जोखिम नहीं उठा सकते है. हमें ओपीडी सेवा में लगाया गया है. इमरजेंसी से कॉल किया, तो आ गयी.
दो दिन से नवजात को नहीं लगा टीका
शुक्रवार दोपहर कहलगांव एकचारी की उमा देवी ने प्रसव उपरांत एक बच्चे को जन्म दिया. नवजात की नानी सरस्वती देवी ने नर्स से आग्रह किया की समय पर टीका लग जाता, तो बेहतर होता. नर्स ने कहा सब कुछ समय पर हो जायेगा, आप टेंशन नहीं ले. यह सुन सरस्वती देवी टेंशन फ्री हो गयी. शनिवार तक नवजात को टीका नहीं लगा. सरस्वती टेंशन में आ गयी. इधर उधर भाग दौड़ के बाद भी नवजात को टीका नहीं लगा. यही हाल खगड़िया से आयी शिवानी, नाथनगर चंपानगर की फरहाना और पुरैनी की रुपा देवी के नवजात के साथ हुआ.
भागलपुर के सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने कहा कि सभी अस्पताल के लेबर रूम में टीका उपलब्ध है. अस्पताल प्रभारी को चाहिए कि इन चीजों की निगरानी करें. सोमवार को मामले की जांच होगी. अस्पताल में डॉक्टर की कमी नहीं है. मरीज यहां से जा रहे हैं, तो यह गंभीर मामला है. अगर बड़े स्तर पर तबादला करने की जरूरत हुई, तो वह की जायेगी.
Posted by: Radheshyam Kushwaha