बिहार के शहरी क्षेत्रों में लक्ष्य के करीब आयी प्रजनन दर, महिला नसबंदी में मुजफ्फरपुर तो कंडोम के इस्तेमाल में भागलपुर सबसे आगे
लड़कियों की शिक्षा पर फोकस और परिवार नियोजन कार्यक्रमों के कारण राज्य में प्रजनन दर में कमी आयी है और परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.
पटना. लड़कियों की शिक्षा पर फोकस और परिवार नियोजन कार्यक्रमों के कारण राज्य में प्रजनन दर में कमी आयी है और परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.
बिहार के ताजा स्वास्थ्य आंकड़ों के अनुसार राज्य के शहरों में प्रजनन दर लक्ष्य के करीब आ गयी है. बिहार में प्रजनन दर को 2.1 तक लाना है. एनएचएफएस-पांच के आंकड़ों के अनुसार बिहार की शहरी आबादी की प्रजनन दर कम होकर अब 2.4 हो गयी है.
राज्य की औसत प्रजनन दर तीन है. परिवार नियोजन पर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने का परिणाम भी सामने आने लगा है. परिवार नियोजन के किसी प्रकार के साधनों के इस्तेमाल में मुजफ्फरपुर जिले में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है.
यहां की 45 फीसदी से अधिक महिलाओं ने नसबंदी करायी है. इसी प्रकार से परिवार नियोजन की कुल अपूरित मांग को घटाने में शेखपुरा ने बेहतर काम किया है. इसी प्रकार से राज्य भर में भागलपुर जिले में सबसे अधिक लोगों ने कंडोम के इस्तेमाल में रुचि दिखायी है.
अपूरित मांग को घटाने में शेखपुरा अव्वल
परिवार नियोजन के साधनों को दंपत्ती अपनाने चाहते हैं, लेकिन उन्हें सही समय पर वह साधन उपलब्ध नहीं होता. ऐसी स्थिति को अपूरित मांग (अनमेट नीड) कहा जाता है. पिछले पांच सालों में बिहार के साथ कई अन्य जिलों के भी टोटल अनमेट नीड में कमी आयी है.
शेखपुरा जिले ने 19.8% की अनमेट नीड को घटकर 3.2% कर दिया है. दूसरे स्थान पर 15.6% की कमी के साथ शिवहर व नालंदा हैं. तीसरे स्थान पर 15.5% की कमी के साथ कैमूर है. बिहार का टोटल अनमेट नीड 21.2% था, जो अब घटकर 13.6% रह गया है.
महिला नसबंदी में मुजफ्फरपुर में सर्वाधिक बढ़ोतरी
परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल में राज्य भर में मुजफ्फरपुर ने सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की है. पिछले सर्वेक्षण में मुजफ्फरपुर में केवल 9.2% दंपत्ती परिवार नियोजन के किसी साधन का इस्तेमाल करते थे, जो अब बढ़कर 66.1% हो गया है.
मुजफ्फरपुर ने पांच सालों में लगभग 57% की वृद्धि हुई है. इस मामले में दूसरे स्थान पर 50.7 % के साथ समस्तीपुर दूसरे और 48.3% के साथ गोपालगंज तीसरे स्थान पर है. संपूर्ण बिहार में पांच साल पहले सिर्फ 24.1 प्रतिशत दंपत्ती परिवार नियोजन के किसी साधन को अपनाते थे.
अब यह बढ़कर 55.8% हो गया है. मुजफ्फरपुर जिले में पांच साल पहले सिर्फ 8.5% महिलाओं ने नसबंदी करायी थी, जो अब बढ़कर 45% हो गया है. मुजफ्फरपुर में महिला नसबंदी में पांच सालों में 36.5% बढ़ोतरी हुई, जो पूरे राज्य में सबसे अधिक है.
कंडोम के इस्तेमाल में भागलपुर सबसे आगे
कंडोम इस्तेमाल में भागलपुर पूरे राज्य में अव्वल रहा है. पिछले सर्वेक्षण में भागलपुर जिले में सिर्फ एक प्रतिशत दंपत्ती कंडोम का इस्तेमाल करते थे. अब कंडोम का इस्तेमाल बढ़कर 9.1% हो गया है.
दूसरे नंबर पर मुंगेर है, जहां कंडोम के इस्तेमाल में 6.9% वृद्धि हुई है. कैमूर तीसरे स्थान पर है, जहां कंडोम के इस्तेमाल में 6.3% बढ़ोतरी हुई है. बिहार में पांच साल पहले सिर्फ एक प्रतिशत दंपत्ति ही कंडोम का इस्तेमाल करते थे, जो अब बढ़कर चार प्रतिशत हो गया है.
जनवरी से मार्च तक परिवार नियोजन पर विशेष अभियान
कोरोना संक्रमण के दौरान परिवार नियोजन में आयी बाधाओं को देखते हुए राज्य में एक जनवरी से 31 मार्च तक सभी जिलों में विशेष परिवार नियोजन अभियान चलाया जा रहा है.
इसमें परिवार नियोजन के साधनों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही हर जिले में 14 जनवरी से 31 जनवरी तक मिशन परिवार विकास पखवारा भी मनाया जा रहा है.
Posted by Ashish Jha