पटना. भारत सरकार से बिहार को जरूरत के अनुसार खाद- यूरिया (उर्वरक) नहीं मिल पा रहा है. अगस्त माह बीतने को है लेकिन आपूर्ति आवटंन के मुकाबले 35 फीसद कम मिला है. केंद्र ने अगस्त के लिये बिहार का कोटा 13.05 लाख टन निर्धारित किया था. आपूर्ति 9.1 लाख टन की ही हुई है. करीब 3.95 लाख टन कम आपूर्ति होने के कारण राज्य में कुछ जगह उर्वरक की कमी की शिकायतें मिल रही हैं. हालांकि कृषि विभाग ने उर्वरक के संकट की बात से इनकार किया है.
खरीफ के लिये बिहार को अगस्त माह में 7.70 लाख टन यूरिया, 2.50 लाख टन डीएपी , 1.90 लाख टन एनपीके तथा 95 हजार टन पोटाश की आपूर्ति केंद्र सरकार से मिलनी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 23 अगस्त तक राज्य को यूरिया 6.26 लाख टन , डीएपी 1.66 लाख टन, एनपीके 1.41 लाख टन और पोटाश मात्र 32 हजार टन की मिला है.
जुलाई में यूरिया की जरूरत 4.90 लाख टन थी लेकिन मिला 3.72 लाख टन. डीएपी दो लाख टन के मुकाबले 1.29 , एनपीके 1.60 की जगह 1.06 लाख टन और पोटाश 85 हजार टन की जगह मात्र 31 हजार टन ही मिला था.
उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिये खरीफ 22 में 1544 छापामारी की गयी है. इसमें 154 स्थानों में अनियमितता पायी गयी. 24 दुकानदारों के खिलाफ एफआइआर करायी गयी है. 29 लोगों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. 97 लोगों को नोटिस जारी कया गया है . 24 दुकानों के लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है.
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पिछले साल प्रत्येक जिला को टॉप 20 दुकानदारों की जांच करनी थी. औरंगाबाद, रोहतास, सारण, लखीसराय, पटना, शिवहर, अरवल, नवादा, शेखपुरा, गोपालगंज, कटिहार, कैमूर, पश्चिम चंपारण, एवं मधुबनी ने अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं भेजी हैं. मुख्यालय ने इन जिलों से रिपोर्ट जल्दी भेजने के निर्देश दिये हैं.