सुपौल के गोविंदपुर पंचायत में भीषण अगलगी, 60 से अधिक घर जले, लाखों की क्षति
भीषण अगलगी में 42 परिवारों की करीब 50 लाख की संपत्ति जलकर राख हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग लगने का कारण बिजली का शॉर्ट-सर्किट बताया जा रहा है, जिससे उठी चिनगारी ने देखते ही देखते 42 परिवारों के 60 आशियानों को जलाकर खाक कर दिया.
प्रतापगंज (सुपौल). प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत गोविंदपुर पंचायत के घटहा वार्ड नंबर 10 में शुक्रवार की दोपहर भीषण अगलगी में 42 परिवारों की करीब 50 लाख की संपत्ति जलकर राख हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग लगने का कारण बिजली का शॉर्ट-सर्किट बताया जा रहा है, जिससे उठी चिनगारी ने देखते ही देखते 42 परिवारों के 60 आशियानों को जलाकर खाक कर दिया.
जुम्मे की नवाज पढ़ने मस्जिद गये थे अधिकांश लोग
जानकारी अनुसार आग सबसे पहले मो युनूस के घर में लगी. उस वक्त अधिकांश लोग जुम्मे की नवाज पढ़ने मस्जिद गये थे. जब तक लोग आग लगने के शोर को समझ पाते, तब तक आग की तेज लपटों ने दर्जनों घरों को अपने आगोश में ले लिया. आग की लपटों को तेज करने में पछुआ हवा ने घी का काम किया. इतना हीं नहीं आगजनी के बीच घरों में सिलिंडर के फटने से लोगों में अफरा-तफरी और भय का वातावरण बन गया. देखते ही देखते एक के बाद एक चार सिलिंडर के फटने से लोग डरे सहमे रहे.
खुले आसमान के नीचे आ गये पीड़ित परिवार
आग की भयावहता को देख ग्रामीणों ने थाना को दमकल के लिए फोन किया. थानाध्यक्ष प्रभाकर भारती द्वारा प्रतापगंज, भीमपुर और वीरपुर से तीन दमकलों को घटनास्थल पर भेजा गया, जिसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से दमकलों द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. लेकिन तब तक 42 परिवारों के 60 घर व घरों में रखे सभी सामान जलकर राख हो गया. पीड़ित परिवारों में कोहराम मच गया. भीषण अग्निकांड के कारण पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे आ गये हैं.
बनायी जा रही है पीड़ित परिवारों की सूची
घटना की जानकारी मिलते ही बीडीओ श्रीराम पासवान, अंचल निरीक्षक राजकुमार चौधरी, पूर्व प्रमुख रमेश प्रसाद यादव, पंचायत की मुखिया इंदू देवी, सुरजापुर के पंसस सफीउल्लाह अंसारी, सुखदेव यादव, अभिषेक झा, अश्विनी कुमार झा, परमानन्दपुर पंचायत के मुखिया मो एखलाक, कालीकांत झा, पूर्व मुखिया बोधी यादव आदि घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों को ढाढ़स बंधाया. इधर घटना की जानकारी मिलते ही पीड़ितों के रिश्तेदारों भी पहुंचने लगे. समाचार लिखे जाने तक अंचल निरीक्षक द्वारा पीडित परिवारों की सूची बनायी जा रही थी.