भागलपुर जिला अंतर्गत कहलगांव के एकचारी स्थित एक ठेकेदार के आवास से उड़ते राख की समस्या को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों से मंगलवार को वार्ता करने पहुंचे कहलगांव के भाजपा विधायक पवन यादव और एनटीपीसी प्रबंधन के पदाधिकारियों को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. वार्ता के दौरान माहौल इतना तल्ख हो गया कि विधायक के समर्थक और ग्रामीणों में नोकझोंक शुरू हो गयी. इस दौरान लात-घूंसे भी चलने लगे. विधायक को भी ग्रामीणों का गुस्सा झेलना पड़ा.
माहौल बिगड़ते देख विधायक अपने समर्थक और प्रबंधन के लोग वहां से निकल गये. ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक के घर पर जनसमस्या को सुलझाने की बात समझ से परे है. नासूर बन चुकी समस्या का हल सार्वजनिक प्रयास से होना चाहिए.
दिन-रात राख की ढुलाई करने वाले ट्रक-हाइवा के कारण एकचारी व आसपास के गांवों के सैकड़ों घरों के लोग वर्षों से परेशान हैं. सांस तक लेना दुश्वार हो गया है. राख के उठते गुबार ने हमारा जीना मुश्किल कर दिया है. इस समस्या को लेकर हाल ही में ग्रामीणों ने दो दिवसीय धरना भी दिया था. समस्या का हल करने का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया गया था.
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तेज पूर्वा हवा के कारण मंगलवार को ऐश डाइक से राख उड़कर आसपास के गांवों एकचारी, भोलसर, चकराजू व चांदपुर तक पहुंच गया. इससे इन गांवों के लोगों को काफी परेशानी हुई. ग्रामीणों का कहना था कि तेज हवा चलने पर इस तरह की समस्या से उन्हें अक्सर सामना करना पड़ता है. उन लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.
इधर इस समस्या के समाधान को लेकर विधायक पवन कुमार यादव के साथ एनटीपीसी के अधिकारी एक संवेदक के आवास पर पहुंचे, जहां एकचारी व भोलसर के ग्रामीणों को बुलाकर वार्ता की गयी.
विधायक ने बताया कि करीब दो सौ ग्रामीण मौजूद थे. मैं तो ग्रामीणों और एनटीपीसी प्रबंधन के बीच सेतु का काम करने गया था, ताकि इस समस्या का निदान हो सके.
एनटीपीसी प्रबंधन के पदाधिकारी ने बताया कि पूर्वा हवा के कारण उड़ रहे राख को देखते हुए तुरंत सक्रियता दिखाते हुए जल छिड़काव में तेजी लायी गयी है. अधिक टैंकर लगाकर पानी का छिड़काव कराया गया. इसके लिए सीआइएसएफ के दमकल कर्मियों को भी एेश डाइक क्षेत्र में जल छिड़काव में लगाया गया. सर्वाधिक राख जिस क्षेत्र से उड़ रहा था, वहां तिरपाल बिछाया गया. इससे काफी हद तक उड़ते राख को नियंत्रित किया जा सका. एनटीपीसी के डीजीएम एचआर अजय प्रसाद ने बताया कि एनटीपसी प्रबंधन समस्या को लेकर गंभीर है. उड़ते राख को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
Published By: Thakur Shaktilochan