वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विशेष राज्य दर्जे की मांग पर कहा कि राज्य का 73 फीसदी भू-भाग बाढ़ प्रभावित, यहां प्राकृतिक संसाधनों की घोर कमी राज्य में जब से नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनी है, तभी से हमलोग विशेष दर्जे की मांग करते आ रहे हैं. बिहार ने शासन की दृष्टि से विश्वसनीयता स्थापित की है. राज्यों की प्रगति मापने के अलग-अलग मानक हैं. इन मानकों पर पहले बिहार की स्थिति अच्छी नहीं थी. अब राष्ट्रीय स्तर के कई मानकों पर यह प्रमाणित हो चुका है कि बिहार ने सीमित संसाधनों के बावजूद अच्छी प्रगति की है. भौगोलिक दृष्टिकोण के मानक पर विचार करें तो बिहार के 73% भूभाग बाढ़ से प्रभावित रहता है. राज्य में प्राकृतिक संसाधनों की घोर कमी है. राज्य में न तो किसी तरह की खान-खादन है, न ही समुद्री किनारा. इसके बवाजूद विकास दर के मानक पर देश के कई विकसित राज्यों से हम आगे हैं. कई मानकों पर देश में बिहार अव्वल है. हालांकि, बिहार गरीबी और प्रति व्यक्ति आय के मामले में पीछे है. इसके लिए कहीं से भी राज्य की जनता या सरकार दोषी नहीं है. इसलिए बिहार को विशेष दर्जे की दरकार है. पूरी क्षमता के साथ काम करने के बाद भी आर्थिक मोर्चे पर राज्य पीछे रह जाता है. विशेष राज्य की मांग हमारी संवैधानिक अनिवार्यता है. केंद्र सरकार ने योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग कर दिया है. नीति आयोग में विशेष राज्य के प्रावधान को खत्म कर दिया गया है तो हमें विशेष सहायता ही दीजिए.
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‘नीति आयोग ने विशेष राज्य के प्रावधान को खत्म कर दिया तो हमें विशेष सहायता ही दीजिए’
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को प्रभात खबर कार्यालय में हुए ‘प्रभात संवाद’ कार्यक्रम में राजनीति से लेकर बिहार की आर्थिक सेहत तक पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि बिहार ने सीमित संसाधनों के बावजूद अच्छी प्रगति की है.
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