पटना. पटना के गांधी सेतु से लापता एनएमसीएच के डॉक्टर संजय कुमार के बारे में किसी प्रकार की जानकारी देनेवाले को सरकार ने इनाम देने की घोषणा की है. डॉ संजय की सकुशल बरामदगी के लिए एक तरफ पुलिस पर दबाव बढ़ता जा रहा है, वहीं पुलिस को अब तक डॉक्टर संजय का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. ऐसे में पटना पुलिस के अनुसंधान क्षमता और कार्यशौली पर सवाल उठने लगे हैं. भरी दबाव के बीच सोमवार को पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने लापता डॉक्टर के संबंध में जानकारी देनेवाले को पटना पुलिस की ओर से 2 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है.
नालंदा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर संजय कुमार एक मार्च से ही लापता हैं. आखिरी बार जब एक मार्च को परिजनों से उनकी फोन पर बात हुई थी, तब संजय ने बताया था कि उनको निरीक्षण के लिए मुजफ्फरपुर जाना है. उसके बाद से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है. अबतक कोई फिरौती को लेकर भी कोई कॉल नहीं आया है. ऐसे में अपहरण जैसी कोई बात भी स्पष्ट तौर पर नहीं कही जा सकती है. वैसे पत्रकार नगर थाने में परिजनों की शिकायत के बाद जब पुलिस ने मामले में तफ्तीश शुरू की, तो एनएमसीएच की पार्किंग में उनकी गाड़ी नहीं मिली. उनकी गाड़ी गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र में लावारिस हालत में मिली थी. डॉक्टर का मोबाइल भी गाड़ी में ही पड़ा मिला था.
इस मामले की जांच के दौरान 4-5 मार्च को पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा. जिसमें डॉक्टर संजय गाड़ी ड्राइव करते दिखे. उस वीडियो में वह गांधी सेतु पर अपनी कार को पार्क करने के बाद वह पैदल ही हाजीपुर की ओर जाते दिखे. ऐसे में पुलिस का मानना था कि डॉक्टर इंस्पेक्शन के लिए शायद मुजफ्फरपुर गये ही नहीं थे. इधर दो हफ्ते बाद भी डॉक्टर संजय की बरामदगी नहीं होने से परिजनों के साथ-साथ डॉक्टरों में भी नाराजगी साफ दिख रही है. इसको लेकर आईएमए ने मोर्चा खोल दिया है. शनिवार को जहां पटना के तमाम डॉक्टरों ने बांह पर काली पट्टी लगाकर कामकाज किया, वहीं रविवार को विरोध मार्च निकाला.