बिहार विश्वविद्यालय के वीसी समेत 11 पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश, वित्तीय अनियमितता का आरोप

बिहार सरकार ने कॉलेज को सहायक अनुदान 20 करोड़ रुपये शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन मद में वितरण करने लिए 2008 से 2013 तक दिये थे. यूजीसी ने कॉलेज के विकास मद में विभिन्न भवनों के निर्माण कराने के लिए पांच करोड़ की राशि दी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | March 3, 2022 10:12 AM

बगहा (पचं). मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, बगहा, व्यवहार न्यायालय ने बीआरए बिहार विवि, मुजफ्फरपुर के कुलपति डॉ हनुमान प्रसाद पांडेय, कुलसचिव डॉ रामकृष्ण ठाकुर, तत्कालीन प्रभारी कुलपति डॉ राजकुमार मंडल समेत 11 लोगों में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. बगहा थानाध्यक्ष को यह आदेश पंडित उमाशंकर तिवारी महिला कॉलेज, बगहा में वित्तीय अनियमितता के मामले में बगहा व्यवहार न्यायालय में दर्ज एक परिवाद के आलोक में दिया गया है.

जिन अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है, उनमें प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार तिवारी, अध्यक्ष शासी निकाय राम निरंजन पांडेय, विवि प्रतिनिधि प्रो डॉ राजीव कुमार पांडेय, बर्सर प्रो चंद्रभूषण मिश्रा, शिक्षक प्रतिनिधि प्रो श्यामसुंदर दुबे, लेखापाल उमेश यादव, प्रधान लिपिक नर्मदेश्वर उपाध्याय शामिल हैं.

ज्ञात हो कि कॉलेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो अरविंद कुमार तिवारी ने अपने और अन्य शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का पारिश्रमिक नहीं मिलने, पैसे का बंदरबांट करने को लेकर विवि प्रशासन से न्याय की गुहार लगायी थी. न्याय नहीं मिलने पर परिवाद दर्ज कराया था. न्यायालय ने चार महीने तक समीक्षा के बाद प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश बगहा थानाध्यक्ष को दिया है.

उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने कॉलेज को सहायक अनुदान 20 करोड़ रुपये शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन मद में वितरण करने लिए 2008 से 2013 तक दिये थे. यूजीसी ने कॉलेज के विकास मद में विभिन्न भवनों के निर्माण कराने के लिए पांच करोड़ की राशि दी थी.

इधर कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार तिवारी ने बताया कि 25 करोड़ रुपये मेरी जानकारी में नहीं है. जो पैसा सरकार से मिला था, उसका उपयोगिता दे दिया गया. इसमें सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. यूजीसी के पैसे का भी उपयोगिता यूजीसी को दिया गया. कॉलेज के 93 लाख रुपये अब भी बकाया है.

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