औरंगाबाद में अफीम की खेती करने वाले लोगों पर प्राथमिकी दर्ज, पुलिस ने माफियाओं को किया चिह्नित
औरंगाबाद में अफीम की खेती करने वाले लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा ने बताया कि पुख्ता प्रमाण के आधार पर 18 लोगों को चिह्नित किया गया है. इन सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
औरंगाबाद. बिहार के औरंगाबाद स्थित मदनपुर थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित बादम गांव में चोरी- छिपे की गयी अफीम की खेती के मामले में 18 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस इन सभी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी अभियान चला रही है. थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा ने बताया कि पुख्ता प्रमाण के आधार पर 18 लोगों को चिह्नित किया गया है. इन सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
गिरफ्तारी के लिए पुलिस चला रही छापेमारी अभियान
बादम गांव निवासी राजदेव सिंह भोक्ता, सोमर रिकियासन, अखिलेश सिंह भोक्ता, सुदामा सिंह भोक्ता, कृष्णा भुइयां, हरिचरन रिकियासन, देवशंकर सिंह भोक्ता, जनेश सिंह भोक्ता, टुनटुन कुमार, शालिग्राम सिंह भोक्ता, अमित कुमार, शिवपूजन कुमार, रामप्रवेश रिकियासन, मुन्ना कुमार, पांचू सिंह भोक्ता, मिथिलेश कुमार, राजकुमार और राजेंद्र सिंह भोक्ता को नामजद आरोपित किया गया है. उनके ऊपर एनडीपीएस एक्ट व अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. थानाध्यक्ष ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.
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पुलिस ने अफीम की खेती करनेवालों माफियाओं को किया चिह्नित
बता दें कि मदनपुर प्रखंड का नक्सल प्रभावित बादम सहित अन्य इलाके में अफीम की खेती का भंडाफोड़ हुआ था. एएसपी अभियान मुकेश कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ व स्थानीय थाना की पुलिस ने छापेमारी कर कई बीघा में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया था. मदनपुर के अलावा देव प्रखंड के भी कई गांवों में अफीम की खेती को पुलिस द्वारा नष्ट किया गया था. जेसीबी मशीन लगाकर अफीम की फसल का पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया था. इस मामले में एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने स्पष्ट कहा था कि अफीम की खेती करनेवाले माफियाओं को बख्शा नहीं जायेगा.