बिहार में गर्मी बढ़ने के साथ ही आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ग्रामीण इलाकों में फायर बूथ बनाया जायेगा. इसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों और पंचायती राज विभाग को पत्र भेजा है, ताकि अगजनी की घटना को तुरंत रोका जा सके. विभाग ने पत्र में कहा है कि फायर बूथ की स्थापना के बाद ग्रामीण इलाकों के लोगों को राहत मिलेगी. वहीं, सभी जिलों को राहत-बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चलाने का निर्देश दिया गया है.
ग्रामीण क्षेत्रों मे फायर बूथों का निर्माण प्रत्येक गांव के स्तर पर होगा. जिसमें फायर बीटर्स , फायर टैंक, बाल्टी, रस्सी, कुल्हाड़ी सहित छोटे-छोटे अग्निशमन उपकरण रहेंगे.सार्वजनिक स्थल पर रखवाने की व्यवस्था पंचायत की मदद से होगी, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों की मदद गांव के लोग करेंगे. इसमें युवाओं जोड़ा जायेगा, ताकि इस राहत कार्य को शुरू करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.
राज्य के ऐसे बहुत से जिलों में फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को पहुंचने में काफी दिक्कत होती है. ऐसे ग्रामीण इलाकों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी और उन इलाके में आग बुझाने को लेकर अलग से तैयारी की जायेगी. इसके लिए अनुमंडल मुख्यालय व, थानों में भी गाड़ियों को रखने की व्यवस्था की जायेगी.खासकर जिन क्षेत्रों का रास्ता दुर्गम होगा. आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों को दिशा-निर्देश है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की जांच करा लें. पानी की व्यवस्था रहे. अगर बीच में कहीं पानी की जरूरत अतिरिक्त पड़े, तो इसके लिए क्या इंतजाम होगा. इसको लेकर भी तैयारी कर लें.साथ ही जिला कंट्रोल का नंबर का प्रचार प्रसार करें, ताकि अगजनी की जानकारी कंट्रोल रूम में तुरंत पहुंच सके.
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हवा के झोंको के तेज होने के पहले ही खाना पकाकर चूल्हे की आग को पानी से पूरी तरह बुझा लें.
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चूल्हे की आग की चिंगारी पूरी तरह बुझी हो, इसे सुनिश्चित कर लें.
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घर से बाहर जाते समय बिजली का स्विच ऑफ करें.
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बीड़ी , सिगरेट पीकर इधर-उधर या खलिहान की तरफ नहीं फेंके.
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गांव, मोहल्लों में जल एवं बालू संग्रहण की व्यवस्था रखें, ताकि आग पर शीघ्र काबू पाया जा सके.
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आगजनी से बचाव के लिए उपाय क्या करें और क्या नहीं करें, इस संबंध में लोगों को जागरूक करें.