गोपालगंज के कटेया थाना क्षेत्र के वार्ड-10 स्थित महादलित बस्ती में भीषण आग लग गई. इस अगलगी में एक बच्ची की झुलसकर मौत हो गयी, जबकि मां-बेटा समेत तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गए. मृत बच्ची आठ वर्षीया काजल कुमारी थी, जो उपेंद्र राम की पुत्री थी. वहीं, अगलगी में उपेंद्र राम की पत्नी ललिता देवी, 10 वर्षीय पुत्र मोनू कुमार और डेढ़ साल की बच्ची आरुषि कुमारी गंभीर रूप से झुलस गयी, जिन्हें स्थानीय अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर किया गया है.
आधी रात घर में लगी आग
बताया जाता है कि उपेंद्र राम के घर में बीरेंद्र राम की शादी थी. छह फरवरी को गोपालगंज के गहनी चकिया में आयोजित सामूहिक शादी-समारोह में पूरा परिवार गया हुआ था. शादी-समारोह से लौटने के बाद सात फरवरी की रात परिवार के सभी सदस्य खाना बनाने के बाद खा-पीकर सोने चले गये. रात के 11 बजे अचानक आग लग गयी. परिवार के लोग अभी कुछ समझ पाते की तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. आग की लपटें चारों तरफ फैलने लगीं.
बच्ची की मौत
उपेंद्र राम की पत्नी ललिता देवी को घर में आग लगने की कुछ देर बाद जानकारी हुई. ललिता देवी और उनका 10 वर्षीय पुत्र मोनू कुमार आग से झुलसकर बाहर निकले, तब आसपास के ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई. आग की लपटें तेज होने के कारण घर में फंसी आठ वर्षीय काजल कुमारी को बचाया नहीं जा सका. घर में ही जलने से उसकी मौत हो गयी. वहीं विजयीपुर थाना क्षेत्र के मुसहरी बाजार गांव निवासी जितेंद्र राम की डेढ़ वर्षीय पुत्री आरुषि कुमारी भी झुलस गयी.
मामा की शादी में आयी थी आरुषि, झुलसी
आरुषि अपनी मां के साथ मामा के घर शादी समारोह में आयी थी. अगलगी में शादी-समारोह में मिले फर्नीचर, सोफा, अलमारी एवं घर में रखें सभी सामान जलकर राख हो गये. स्थानीय लोगों की सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची, तब कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. पीड़ित परिजनों की मानें, तो अगलगी में करीब छह लाख की संपत्ति जलकर खाक हो गयी है. घटना से हर कोई मर्माहत था. परिवार के सदस्य आग में झुलसे लोगों की इलाज कराने के लिए मेडिकल कॉलेज निकल गये.
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बीडीओ ने की जांच, मिली राहत सामग्री
वहीं, सूचना मिलने पर कटेया बीडीओ धीरज कुमार दुबे, नगर पंचायत के अध्यक्ष राजेश राय, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि शैलेश चौबे एवं अन्य प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और हादसे की जांच में जुट गये. आग कैसे लगी, ये स्पष्ट नहीं हो सका है. अगलगी के बाद से पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर हो गया है. हालांकि बीडीओ ने त्वरित राहत सामग्री तिरपाल, 11 हजार का चेक, कंबल, राशन उपलब्ध कराया. प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया कि जो भी योजना होगी, पीड़ित परिवार को मदद की जायेगी.
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