औरंगाबाद नगर. देश के सातवें व बिहार के पहले इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आईडीटीआर) परिसर में बुधवार को राज्य के पहले ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट सेंटर का उद्घाटन बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शीला मंडल व राज्य परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से फीता काट कर व दीप प्रज्वलित कर किया.
इस अवसर पर मंत्री शीला मंडल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा बिहार के औरंगाबाद में आइडीटीआर बनाया गया है, जहां पूरे बिहार के लोग वाहन चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.
फिलहाल इस प्रशिक्षण केंद्र में बिहार पुलिस के 80 प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जो अलग-अलग जिले के रहने वाले हैं.
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा पटना के फुलवारीशरीफ में वाहन प्रशिक्षण केंद्र बनाया जा रहा है, जो जल्द ही बन कर तैयार हो जायेगा. इसके अलावा अन्य जिलों में भी प्रशिक्षण केंद्र खोलने पर विचार विमर्श किया जा रहा है. यदि आमलोग जिले में प्रशिक्षण केंद्र खोलना चाहते हैं, तो सरकार उन्हें 20 लाख रुपये देगी.
सड़क पर वाहन चलाते समय सावधानी बरतें. सिर्फ खुद ही प्रशिक्षण न लें, अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि अब इंस्टीट्यूट के खुल जाने के बाद ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट हो सकेगा. तभी ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत किया जायेगा.
आईडीटीआर परिसर में मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के तहत 19 लाभुकों को ऑटो की चाबी परिवहन मंत्री शीला मंडल व परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से दी.
चाबी देने के उपरांत मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगार लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री परिवहन योजना के तहत वाहन खरीद पर एक लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है.
इस दौरान आयुक्त ने जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जो टारगेट विभाग द्वारा दिया गया है, उसे हर हाल में पूरा करें.
परिवहन मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग से बात हो रही है कि नौवीं व 10वीं की पढ़ाई करने वाले बच्चों को सड़क सुरक्षा से संबंधित पढ़ाई करायी जा सके.
मंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में 14 चक्का से अधिक वाले माल वाहनों से गिट्टी, बालू ढुलाई करने पर रोक लगायी गयी है, उसे कठोरता से अनुपालन करने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.
Posted by Ashish Jha