Bihar Engineering University: बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी में सोमवार को पहले दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. स्थापना के दो साल में ही विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह में 38 जिलों में स्थापित इंजीनियरिंग कॉलेज से पास आउट स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गयी. बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज के कुलाधिपति सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी टॉपर विद्यार्थियों को सम्मानित किया. मौके पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी व विजय सिन्हा, मंत्री विजय चौधरी और सुनील कुमार भी मौजूद रहे. विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गयी विभागीय उपलब्धियों पर आधारित लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गयी. मुख्यमंत्री ने बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के पुस्तक का विमोचन किया.
टॉपरों ने की इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई की सराहना
बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह का आयोजन रविवार को हुआ. इसमें सत्र 2019-23 के सात गोल्ड, सात सिल्वर व सात ब्रॉन्ज मेडल हासिल करने वाले 21 स्टूडेंट्स को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया. बीसीइ भागलपुर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की सृष्टि को दो गोल्ड मेडल प्रदान किया गया. सृष्टि को ओवरऑल टॉपर और ब्रांच टॉपर घोषित किया गया है. सात टॉपरों में तीन छात्र और चार छात्राएं शामिल हैं. सभी टॉपरों ने राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई की सराहना की. मेडल हासिल करने वाले कई स्टूडेंट्स पीयूसी में जॉब, तो कई गेट की तैयारी में लगे हुए थे. कुछ का सपना यूपीएससी का था.
इंजीनियरिंग के टॉपर्स बोले- बिहार में बढ़ी पढ़ाई- लिखाई की सुविधा
- बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने का अनुभव बेहतर रहा. बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की बहाली होने के बाद बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई बेहतर हुई है. अभी गेट की तैयारी जारी है. इलेक्ट्रिकल ब्रांच से कॉलेज के अलावा प्रतिदिन पांच से छह घंटे पढ़ाई करती थी. पिता डॉ आर रंजन लखीसराय पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रिंसिपल हैं. माता जागृति प्रकाश गृहिणी हैं. भागलपुर की रहने वाली हूं. – सृष्टि, गोल्ड मेडल, बीसीइ भागलपुर, इलेक्ट्रिकल
- अभी यूपीएससी की तैयारी जारी है. गेट में बेहतर रैंक था, लेकिन अभी एमटेक के लिए कोई आइआइटी ज्वाइन नहीं किया. मेरा मकसद यूपीएससी करने का है. कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट मिला था पर पैकेज ठीक नहीं था. राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई का बेहतर माहौल बना है. पिता नवीन कुमार झा सरकारी विद्यालय में प्रधानाचार्य हैं. माता राजश्री झा इस सफलता से काफी खुश हैं. – गौरव कुमार झा, गोल्ड मेडल, सिविल इंजीनियरिंग
- गोल्ड मेडल प्राप्त कर काफी खुश हूं. फिलहाल एक निजी कंपनी में वेब डेवलपर के पद पर कार्य कर रही हूं. इसके साथ गेट की तैयारी जारी है. पिता मोहम्मद इकबाल अपर डिवीजन क्लर्क के पद पर तैनात हैं और उनकी माता अजमेरी बानो गृहिणी है. – शाहीन इकबाल, गोल्ड मेडल, मौलाना आजाद कॉलेज इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस
- बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज का माहौल बेहतर हुआ है. आने वाले स्टूडेंट्स अपने राज्य में पढ़ाई कर सकते हैं. मैं भी गेट के माध्यम से इंडियन ऑयल में इंजीनियर के पद पर तैनात हूं. पिता आमदेश आचार्य पुजारी हैं और माता सिंटू देवी गृहिणी हैं. गोल्ड मेडल प्राप्त करने में शिक्षकों के साथ माता-पिता का सहयोग रहा. – स्वाति सुमन, गोल्ड मेडल, दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
- बिहार में इंजीनियरिंग की पढ़ाई बेहतर हुई है. गेट में तीन बार सफल हुई हूं. लेकिन अभी प्राइवेट जॉब का अनुभव लेना है. मैं एल एंड टी टेक्नोलॉजी सर्विसेज में जॉब कर रही हूं. – नैंसी कुमारी, गोल्ड मेडल, भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज, इसीइ
- अभी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हूं. बिहार में पढ़ाई बेहतर हुई है. मैंने खगड़िया से यहां आकर पढ़ाई की. शिक्षकों का काफी सहयोग रहा. – निकिता भारती, सिल्वर मेडल, नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज, ट्रिपल इ
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