बिहार में लगा गार्लिक प्रोड्क्ट का पहला प्लांट, चंपारण के हरसिद्धि में तैयार होगा लहसून का बाई प्रोड्क्ट

हरसिद्धि में लहसून आचार के अलावा किचेन के लिए गोटा लहसून, जीजल गार्लिक पेस्ट बनेगा. लहसून से तेल निकालने व उसके छिलका आदि अवशिष्ट पदार्थ से वर्मी कंपोस्ट बनाया जायेगा, जो खेती के लिए उपयोगी होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | November 20, 2023 4:52 PM

मोतिहारी. चंपारण के हांडी मटन के बाद लहसून आचार का स्वाद देश-विदेश के लोग चखेंगे. अब यहां लहसून का प्रोसेसिंग कर बाई प्रोड्क्ट तैयार होगा. हरसिद्धि में लहसून आचार के अलावा किचेन के लिए गोटा लहसून, जीजल गार्लिक पेस्ट बनेगा. लहसून से तेल निकालने व उसके छिलका आदि अवशिष्ट पदार्थ से वर्मी कंपोस्ट बनाया जायेगा, जो खेती के लिए उपयोगी होगा. उद्यान निदेशालय के सहयोग से हरसिद्धि के मानीकपुर में बापूधाम गार्लिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के द्वारा लहसून प्रोसेसिंग प्लांट इंस्टॉल की जा रही है.

बिहार का पहला गार्लिक प्लांट

यह सरकार के उद्यान निदेशालय से पंजीकृत बिहार का पहला गार्लिक प्लांट है. इसकी खास बात यह है कि यह कंपनी किसानों की है. इसे एक सौ किसानों के समूह ने मिलकर खड़ा किया है. इस प्लांट के लगने से स्थानीय लहसून उत्पाद को बड़ा बाजार मिलेगा. साथ ही किसानों को प्रोड्क्ट की प्रोसेसिंग व मार्केटिंग तक के सभी फायदा प्राप्त होंगे. जो स्थानीय किसानों के लिए वरदान साबित होगा. प्लांट को लगाने का काम शुरू हो गया है. प्लांट के लिए शेड निर्माण सहित पैकिंग हाउस बनकर तैयार है. अगले एक माह के भीतर मशीन भी इंस्टॉल हो जाने की उम्मीद है. इसके बाद प्लांट में प्रोड्क्ट बनने का काम आरंभ हो जायेगा.

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90 प्रतिशत लागत का मिल रहा अनुदान

उद्यान विभाग बापूधाम फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी को तकनीकी व वित्तीय दोनों के लिए सहयोग कर रहा है. सहायक निदेशक उद्यान विकास कुमार ने बताया कि लहसून के प्रोसेसिंग व बाई प्रोड्क्ट प्लांट के लागत खर्च का 90 फीसदी राशि अनुदान देय है. वहीं शेष दस फीसदी राशि फार्मर कंपनी को लगाना है. वहीं समय-समय पर फार्मर कंपनी को तकनीकी सहयोग में किसानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.

200 टन लहसून का है उत्पादन

जिले में तकरीबन 200 टन लहसून का उत्पादन होता है. उद्यान विभाग के आकड़ों पर गौर करे तो इनमें हरसिद्धि व उसके आसपास के प्रखंड लहसून उत्पादन का हब है. सिर्फ हरसिद्धि में पांच सौ एकड़ में किसान लहसून की खेती करते है. इसके अलावा आसपास के प्रखंड तुरकौलिया, अरेराज, पहाड़पुर, सुगौली में भी लहसून का अच्छा उत्पादन है.

लहसून खेती को बढ़ावा देना है मुख्य उदेश्य : चेयरमैन

बापूधाम गार्लिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के चेयरमैन दीनानाथ प्रसाद ने कहा कि गार्लिक प्लांट किसान हित में लहसून खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगाया जा रहा है. इससे एक सौ किसान सीधे तौर पर जुड़े है. कंपनी के बोर्ड मेंबर की संख्या दस है. वहीं कंपनी में पांच मेंबर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर है. इस प्लांट के चालू होने से लहसून उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का उचित दाम मिलेगा. जिससे किसान लभान्वित होंगे.

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