पटना. बिहार विधानसभा में शिक्षा विभाग का प्रथम अनुपूरक बजट बुधवार को पारित हो गया. 12 हजार 13 करोड़ के बजट को स्वीकृति दी गई. बिहार विधानसभा में अनुदान बजट के दौरान शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने चर्चा के दौरान कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘कटौती प्रस्ताव लाने वाले सदन से गायब क्यों रहे. जिन्होंने शिक्षा से दूरी बनाई, वो कभी सफल नहीं होंगे.
चर्चा के दौरान विजय चौधरी ने कहा कि ‘छठे चरण में 42 हजार शिक्षकों की बहाली हुई है. ‘बचे हुए अभ्यर्थियों की जल्द बहाली शुरु होगी. उच्च विद्यालयों में हेडमास्टर की बहाली भी जल्द की जायेगी. 5000 मिडिल स्कूल अब हाईस्कूल बन गए है. उच्च माध्यमिक विद्यालयों में जुलाई में बहाली होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में 7,500 करोड़ की राशि से स्कूल भवन बन रहे हैं. 8386 शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों की नियुक्ति हुई है.’सूबे के हर प्रमंडल में एक विश्वविद्यालय खुलेंगे’. जिलों में पीजी की पढ़ाई और अनुमंडल में डिग्री कॉलेज खोले जायेंगे. आज बिहार विनियोग संख्या-3 भी विधेयक 2022 भी विधानसभा में पारित हो गया. प्रभारी वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सदन में पेश किया था.
इससे पहले बिहार विधानसभा में आज प्रखंड साधनसेवियों का मुद्दा उठा. भाजपा विधायक अरूण शंकर प्रसाद ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से यह सवाल उठाया. इस पर शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने ऐलान किया कि एक महीने के भीतर सभी प्रखंडों से बीआरपी को उनके मूल स्कूल में वापस कर दिया जायेगा. अगर उपयोगिता रहेगी भी तो बीआरपी के पद पर नये लोग आयेंगे. बिहार विधानसभा में भाजपा विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने सदन में कहा कि प्रखंड साधानसेवी सालों से प्रखंड में जमे हैं.इससे शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ रहा है. वे बिचौलिये की भूमिका में होते हैं. कमेटी कि रिपोर्ट आने तक सभी प्रखंड साधनसेवियों को मूल विद्यालय में वापस किया जाये. विधायक की चिंता पर सरकार ने सहमति दी. शिक्षा मंत्री ने कहा है कि यह मामला सरकार के संज्ञान में है. हमने समीक्षा की है. इसी के साथ शिक्षा मंत्री ने ऐलान किया कि 1 महीने में मूल विद्यालय में वापस भेज देंगे. विजय चौधरी ने कहा कि बीआरपी की उपयोगिता को लेकर कमेटि गठित है. अगर उपयोगिता होगी तभी बीआरपी रहेंगे. अगर उपयोगिता होगी तो नये सिरे से चयन करेंगे. पुराने लोग बीआरपी अब नहीं रहेंगे.