बिहारशरीफ के मदरसा परिसर में बेची जा रही मछली, जिला प्रशासन की चेतावनी के बाद भी बिक्रेताओं पर असर नहीं
मछली विक्रेताओं ने बताया कि उन्हें बाजार समिति प्रांगण में जाने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन असली परेशानी यह है कि मछली के हॉल सेलर यहां पर हैं. बाजार समिति से यहां आकर मछली खरीदने पड़ेगी और फिर बाजार समिति में जाकर बेचना पड़ेगा.
बिहारशरीफ. जिला प्रशासन के बार-बार चेतावनी के बाद भी स्थानीय मछली मंडी के विक्रेता वहां से हटने में आनाकानी कर रहे हैं. जिला प्रशासन द्वारा मछली विक्रेताओं को बाजार समिति में शिफ्ट किया जा रहा है. मछली बेचने के विक्रेताओं के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना से बाजार समिति में प्लेटफॉर्म बनाकर उपलब्ध कराया गया है. इसके बावजूद मछली विक्रेता बाजार समिति के प्रांगण में नहीं जा रहे हैं तथा रामचंद्रपुर नाला रोड में रोड किनारे ही मछली बेच रहे हैं.
मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा मछली विक्रेताओं को मछली बेचने के लिए बाजार समिति में जाने का आदेश दिया गया था. जिला प्रशासन के इस आदेश का बुधवार को कोई असर नहीं दिखा. हां, यह जरूर हुआ कि रोड पर मछली बेचने के बजाय मदरसा के प्रांगण में मछली बेचा गया. मछली के हॉल सेलरों ने खुदरा विक्रेताओं को मदरसा परिसर में मछली बेचने को प्रेरित किया. अब देखना यह है कि कितने दिनों तक खुदरा विक्रेता मदरसा परिसर में मछली बेचते हैं और रोड पर कब तक तक नहीं आते हैं.
मछली विक्रेताओं ने बताया कि उन्हें बाजार समिति प्रांगण में जाने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन असली परेशानी यह है कि मछली के हॉल सेलर यहां पर हैं. बाजार समिति से यहां आकर मछली खरीदने पड़ेगी और फिर बाजार समिति में जाकर बेचना पड़ेगा. इसके अलावा जो मछली नहीं बिक पायेगी, उसे बाजार समिति में सुरक्षित रखना मुश्किल है. बची हुई मछली को फिर यहीं लाकर हॉल सेलर के यहां रखना पड़ेगा. इसकी वजह से मछली विक्रेताओं को बाजार समिति में जाने में परेशानी है.
मछली विक्रेताओं ने बताया कि जब तक मछली के हॉल सेलर जब तक बाजार समिति में नहीं जायेंगे और जब मछली विक्रेताओं को दुकान बनाकर नहीं दिया जायेगा, तब मछली मंडी को बाजार समिति में शिफ्त करना मुश्किल है. मछली के हॉल सेलर खुदरा विक्रेताओं को यहीं रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. इसमें खुदरा विक्रेताओं को फायदा समझा दिया जाता है.
Also Read: कश्मीर से कन्याकुमारी तक गया के तिलकुट की महक, प्रतिदिन 250 ग्राहकों के आ रहे ऑनलाइन ऑर्डर
हॉल सेलरों को फायदा यह है कि मछली की गाड़ी पहुंचते ही हॉल सेलर खुदरा विक्रेताओं को इकट्ठा कर मछली की बोली लगाकर तुरंत बेच देते हैं. जब खुदरा विक्रेता नहीं रहेंगे तो उन्हें एकत्रित करने के लिए मछली के हॉल सेलरों को बार-बार बाजार समिति में जाना पड़ेगा. इसके बाद भी बाजार समिति में मछली के खुदरा विक्रेता बार-बार यहां नहीं पहुंच पायेंगे. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हॉल सेलर भी चाहते हैं कि मछली के खुदरा विक्रेता यहीं रहें.
नाला रोड में मछली मंडी के रहने की वजह से स्मार्ट सिटी की दो बड़ी परियोजनाओं फ्लाई ओवर निर्माण व फोरलेन सड़क निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही है. सड़क पर मछली बेचे जाने से नाला रोड को फोरलेन में तब्दील करने का काम नहीं शुरू हो पा रहा है. इसके अलावा भरावपर फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य शुरू करने के पहले इस रूट के ट्रैफिक को नाला रोड में तब्दील करना पड़ेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
नाला रोड की मछली मंडी को बाजार समिति में शिफ्ट करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है. मछली विक्रेताओं के लिए बाजार समिति में प्लेटफॉर्म बना दिये गये हैं. नाला रोड के मछली विक्रेताओं को कई बार बाजार समिति में शिफ्ट होने की चेतावनी दी गयी है. बाजार समिति में मछली मंडी के लिए दुकानें भी बनायी जा रही है.
संतोष कुमार, पीआरडी, स्मार्ट सिटी, बिहारशरीफ.