Bihar News: चमकी बुखार से पीड़ित पांच बच्चे एसकेएमसीएच में भर्ती, सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया लैब

Bihar News: मुशहरी समेत अलग-अलग जगहों से बच्चे चमकी-बुखार के पीड़ित होकर आ रहे हैं. इन सभी का सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि इनमें एइएस है या नहीं. अभी वार्ड में भर्ती सभी मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 7, 2022 11:49 AM

मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में चमकी-बुखार के लक्षण वाले पांच बच्चों को भर्ती किया गया. इनमें पारू, मुशहरी व सीतामढ़ी जिले के मरीज शामिल हैं. वहीं वार्ड में भर्ती एक बच्चे में एइएस पुष्टि होने पर उसका इलाज चल रहा है. उपाधीक्षक सह शिशु विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि पीड़ित बच्चे की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गयी है. मुशहरी समेत अलग-अलग जगहों से बच्चे चमकी-बुखार के पीड़ित होकर आ रहे हैं. इन सभी का सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया है.

जांच के बाद ही पता चलेगा कि इनमें एइएस है या नहीं. अभी वार्ड में भर्ती सभी मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगर समय पर बच्चा अस्पताल आ जाये, तो उसकी जान बच जाती है. इस साल अबतक एइएस पीड़ित मरीजों की संख्या 27 हो चुकी है. इनमें से दो बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें मुजफ्फरपुर के 14, सीतामढ़ी के 4, मोतिहारी के 3, अररिया, वैशाली व बेतिया के एक-एक मरीज शामिल हैं.

मेडिकल कॉलेज के छात्र पीएचसी में करेंगे इलाज

मुजफ्फरपुर. मेडिकल कॉलेज के छात्र अब पीएचसी में मरीजों का इलाज करेंगे. इसके लिए छात्रों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. ये छात्र सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक पीएचसी में आने वाले मरीजों का इलाज करेंगे. प्राचार्य डॉ विकास कुमार ने कहा कि शहरी क्षेत्र के पीएचसी व कांटी में अभी इन छात्रों को इलाज करने के लिए भेजा जा रहा है. ये छात्र एमबीबीएस डॉक्टरों की निगरानी में इलाज करेंगे. इलाज के दौरान छात्र जानकारी एकत्र करेंगे कि पीएचसी में मरीजों में कौन-कौन बीमारी अधिक हो रही है.

Also Read: PMCH में पुलिस से भिड़ीं जीएनएम की छात्राएं, पुरुष पुलिसकर्मियों ने किया लाठीचार्ज, 40 GNM हिरासत में

इसके अलावा जो मरीज गंभीर बीमारी से पीड़ित होंगे, उन्हें एसकेएमसीएच में इलाज कराने की सलाह भी देंगे. साथ ही उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित योजनाओं की भी जानकारी देंगे. सीएस डॉ सुभाष कुमार ने कहा कि मेडिकल छात्र के पीएचसी में आने पर मरीजों को ज्यादा लाभ होगा. अधिक-से-अधिक मरीजों का प्रारंभिक इलाज के साथ उन्हें जानकारी भी मिलेगी.

Next Article

Exit mobile version