मुंगेर. होली के दिन उधार का पान नहीं खिलाने से नाराज अपराधियों ने दुकानदार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के 23 साल बाद दुकानदार के परिजनों को न्याय मिला है. कोर्ट ने हत्या के पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही सभी दोषियों को 20-20 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है. मुंगेर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्धितीय सुनील दत्त पांडेय की कोर्ट ने शुक्रवार को सजा का एलान किया.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि 19 मार्च 2000 को आरोपी संभा पाठक ने पान दुकानदार मंटू पाठक को उधार में पान खिलाने को कहा था. दुकानदार मंटू पाठक ने पहले से दो हजार बकाया बता आगे उधार देने से मना कर दिया. इसके बाद आरोपी सम्पा पाठक ने मंटू पाठक को जान मारने की धमकी दी. अगले ही दिन 20 मार्च 2000 को होली के दिन सम्पा पाठक ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर मंटू पाठक को दुकान पर से खींच कर खेत में ले जाकर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी. मृतक के भाई अरविन्द पाठक के बयान पर पुलिस ने नया रामनगर थाना में केस दर्ज किया था.
लंबी सुनवाई के बाद मुंगेर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्धितीय सुनील दत्त पांडेय की कोर्ट ने शुक्रवार को मंटू पाठक के हत्या के मामले में 5 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 20-20 हजार रूपए का जुर्माना लगाया. कोर्ट ने 9 जून 2023 को सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था. अदालत ने सजा के बिंदु पर दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद नया रामनगर थाना क्षेत्र के फरदा गांव निवासी सम्भा पाठक, विजय पाठक, लाली कुंवर, गोपाल कुवंर एवं मन्टुन कुंवर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.