Gaya : UP से गांव में एक साथ पहुंचे पांच शव, जिसने भी देखा फट गया कलेजा
Gaya : यूपी के अलीगढ़ के समीप सड़क दुर्घटना में कोंच व परैया के पांच लोगों की मौत के बाद उनका शव गांव में जैसे ही पहुंचा, वहां लोगों की भीड़ जुट गयी.
उतरेन पंचायत अंतर्गत हिच्छापुर- चेतबिगहा महादलित टोले के रहनेवाले पांच लोगों की यूपी के मथुरा के समीप सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद शुक्रवार को शवों को गांव लाया गया. शवों के आते ही उसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. शवों का गांव के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूपी के मथुरा के समीप सड़क दुर्घटना थाना क्षेत्र के चेत बिगहा महादलित टोला के रहने वाले चार लोगों की मौत के बाद दो एंबुलेंस से शव को यूपी सरकार के पुलिस की निगरानी में गांव लाया गया.
दो एंबुलेंस में आया शव
एक एंबुलेंस पर प्रेम मांझी की पत्नी कुंती देवी और उसकी पुत्री प्रियंका कुमारी का शव था. दूसरे एंबुलेंस में सुकेंद्र मांझी की पत्नी गौरी देवी और उसकी पुत्री कोमल कुमारी के शव के साथ रामबली मांझी की पुत्री का शव था, जिसे उसके घर परैया थाना क्षेत्र के उपरहुली गांव भेजा गया. बीडीओ बिपुल भारद्वाज, अंचलाधिकारी मुकेश कुमार, थानाध्यक्ष धनंजय कुमार सिंह, पैक्स अध्यक्ष अनिल वर्मा, मुखिया निवासी वर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे.
जिसने भी देखा फट गया कलेजा
पांचों का शव गांव में आते ही लोगों की भारी भीड़ जुट गयी. टिकारी विधायक डॉ अनिल कुमार ने भी पीड़ित परिवारों से मिलकर घटना की जानकारी ली और डीएम डॉ त्यागराजन से बातचीत कर पीड़ित परिवारों को सरकारी सहायता देने की बात कही. विधायक ने उक्त घटना में घायल दो वर्ष के एक बच्चा, जिसका पैर टूट गया था, उसे एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती करवाया. साथ ही लेबर इंस्पेक्टर राजीव कुमार से दोनों व्यस्क परिजनों को सरकार से मिलनेवाला दो-दो लाख रुपये की राशि जल्द दिलाने का भी आदेश दिया. विधायक ने बीडीओ से आवास योजना से मकान मरम्मत के लिए 50000 रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश दिया. वहीं, मौके पर मौजूद मुखिया निवास वर्मा ने पीड़ित परिजनों को कबीर अंत्येष्टि के तहत तीन-तीन हजार रुपये दिये.
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मौत के लिए कौन है जिम्मेदार, भीड़ के बीच से उठती रही आवाज
यूपी के अलीगढ़ के समीप सड़क दुर्घटना में कोंच व परैया के पांच लोगों की मौत के बाद उनका शव गांव में जैसे ही पहुंचा, वहां लोगों की भीड़ जुट गयी. हर के जुबान पर एक बात आ रही थी कि इस मौत का मुख्य दोषी कौन है. इन लोगों को काम पर ले जानेवाला पिंटू बिंद या गाड़ी चालक या बिजली का खंभा या फिर सरकार है. महिलाएं रो-रो कर लगातार कह रही थी. पेट की खातिर बाहर कमाने जा रहे थे. घटना के बाद से मजदूरों को बाहर ले जानेवाला पिंटू बिंद फरार चल रहा है.