छठ के बाद वापसी को उमड़े प्रवासी, जेनरल से लेकर एसी कोच तक में पैर रखने की जगह नहीं
पटना से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, रांची, अमृतसर, बांद्रा, कोटा और मुंबई के लिए पांच दर्जन से भी अधिक ट्रेनें गुजरीं, जिनसे 52 हजार से अधिक प्रवासी यात्री रवाना हुए.
कामख्या से दिल्ली जाने वाली ब्रह्मपुत्र मेल में बुधवार को इस कदर भीड़ उमड़ी कि ट्रेन के जनरल कोच से लेकर स्लीपर और एसी तक में पैर रखने तक की जगह नहीं नजर आयी. यात्री शौचालय के दरवाजे पर किसी तरह जगह बनाकर यात्रा को मजबूर हुए.
इसी तरह पटना जंक्शन पर अन्य प्रमुख ट्रेनों में लौटने वाले यात्रियों की भीड़ रही. पटना से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, रांची, अमृतसर, बांद्रा, कोटा और मुंबई के लिए पांच दर्जन से भी अधिक ट्रेनें गुजरीं, जिनसे 52 हजार से अधिक प्रवासी यात्री रवाना हुए.
इनमें पांच प्रतिशत लोग सीट नहीं मिलने और भीड़ की वजह से लौट गये, तो कुछ स्पेशल ट्रेनों से रवाना हुए. इधर पटना जंक्शन पर रेलवे व जिला प्रशासन ने मुख्य पार्किंग में 27 नवंबर तक चारपहिया वाहन पार्क करने से मना कर दिया है. इसके बावजूद वाहन खड़ा किये जा रहे थे. हालांकि, वहां तैनात रेलवे पुलिस ने कुछ वाहन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की
भीड़ का दबाव बढ़ने पर भगदड़ न मचे, इसको लेकर रेलवे अधिकारियों ने सख्त निर्देश दिये हैं. इसके मुताबिक जिस ट्रेन का आवंटन प्लेटफॉर्म पर पहले किया जा चुका है, उसी प्लेटफॉर्म पर ट्रेन चलाने का निर्देश दिया गया है. अगर विशेष परिस्थिति में प्लेटफॉर्म बदलने की नौबत आती है, तो इसका एनाउंसमेंट 30 मिनट पहले करना होगा, ताकि यात्रियों के बीच भागमभाग की स्थिति पैदा नहीं हो.
यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे एक अच्छी पहल की है. पटना जंक्शन, दानापुर, व राजेंद्र नगर पर बिहार के अन्य जिलों से आने या संबंधित स्टेशनों से खुलने वाली ट्रेनों खासकर संपूर्णक्रांति, मगध, राजेंद्र नगर-एलटीटी, पाटलिपुत्र-एलटीटी, दानापुर-पुणे, दानापुर- सिकंदराबाद, पटना-हटिया एक्सप्रेस आदि के यात्रियों को निशुल्क फूड पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए रेलवे ने सामाजिक कार्य करने वाले संगठनों, व्यापारियों से संपर्क साधा है.