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बिहार में एक साल में खुले पांच लाख डिमैट एकाउंट, अब तक हो चुका हैं रिकार्ड निवेश

म्यूचुअल फंड, एसआइपी और शेयर या एक्विटी में निवेश भी बढ़ कर 15 हजार करोड़ रुपये सालाना तक पहुंच गया है, जो रिकॉर्ड निवेश है.

कौशिक रंजन, पटना. बिहार में कोरोना काल के दौरान लोगों ने अपनी आय और निवेश के दूसरे स्रोत भी ढूंढ लिया है. लोगों की रूझान शेयर बाजार और म्युचुअल फंड की ओर दिख रहा है. पिछले एक वर्ष के दौरान बिहार में पांच लाख नये डिमैट एकाउंट खोले गये. महज एक साल में डीमैट खातों की संख्या में करीब 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. साथ ही म्यूचुअल फंड, एसआइपी और शेयर या एक्विटी में निवेश भी बढ़ कर 15 हजार करोड़ रुपये सालाना तक पहुंच गया है, जो रिकॉर्ड निवेश है.

110 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गयी

इसमें सबसे ज्यादा करीब 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश म्यूचुअल फंड या एसआइपी में ही किया गया है. शेयर या एक्विटी में निवेश बढ़ कर तीन हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. हालांकि, म्यूचुअल फंड में ज्यादा निवेश करने का यह ट्रेंड बताता है कि यहां लोग के बाजार में निवेश तो कर रहे हैं, लेकिन कम- से- कम रिस्क लेकर क्योंकि शेयर बाजार में सीधे निवेश करने से रिस्क फैक्टर भी अधिक रहता है. पिछले एक वर्ष के दौरान बिहार से शेयर एवं म्युचुअल फंड में निवेश में 110 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गयी है.

बीएसइ में निबंधित निवेशकों की संख्या हुई 10 लाख

बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार से निबंधित निवेशकों की संख्या 10 लाख हो गयी है. पिछले एक वर्ष में इन निबंधित निवेशकों की संख्या में करीब दो गुना का इजाफा हुआ है. इसके साथ ही बिहार देश के उन 16 राज्य की श्रेणी में शामिल हो गया है, जहां निवेशकों की संख्या 10 लाख या इससे अधिक है. इसमें आंध्रप्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्यप्रदेश समेत अन्य शामिल हैं. हालांकि, सबसे ज्यादा निबंधित निवेशकों की संख्या वाले टॉप पांच राज्यों की तुलना में बिहार काफी पीछे है. इनकी सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र में एक करोड़ 90 लाख है. इसके बाद गुजरात में एक करोड़, यूपी में 72 लाख, कर्नाटक में 52 लाख और तमिलनाडु में 49 लाख निबंधित निवेशकों की संख्या है. इन राज्य की तुलना में बिहार का रैंक काफी पीछे है.

राष्ट्रीय औसत से अब भी काफी पीछे

बिहार में शेयर बाजार में निवेश से संबंधित स्थिति की तुलना राष्ट्रीय स्तर पर करें, तो अब भी यह काफी पीछे खड़ा है. पिछले एक साल में पूरे देश में करीब चार करोड़ नये डीमैट एकाउंट खुले, लेकिन बिहार में महज पांच लाख ही खुले. इसी तरह पूरे राष्ट्रीय स्तर पर शेयर बाजार में चार लाख करोड़ रुपये का निवेश है, जबकि यहां यह 15 हजार करोड़ ही है, जो 0.5 प्रतिशत से कम है. इस मामले में वित्तीय मामलों के एक्सपर्ट प्रशांत कुमार का कहना है कि कोरोना के दौर में लोगों ने घर बैठे निवेश के नये एवं बेहतर विकल्प के रूप में शेयर मार्केट को तेजी से चुनना शुरू कर दिया है. इससे यहां यह निवेश के नये विकल्प के तौर पर तेजी से उभरने लगा है.

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