लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान: फाइव ‘R’ से बदलेगी गांवों की सूरत, स्वच्छता के साथ कमाई भी होगी
पटना जिले में 40 पंचायतों में कचरा प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण हुआ है. यहां पर सूखा व गीला कचरा को अलग-अलग कर प्रोससिंग की जा रही है. अब ग्राम पंचायतों को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए फाइव ''आर'' पर काम होगा. इससे स्वच्छता के साथ कमाई भी हो सकेगी.
प्रमोद झा,पटना. पटना जिले में ग्राम पंचायतों को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए फाइव ”आर” पर काम होगा. इससे स्वच्छता के साथ कमाई भी हो सकेगी. घरों से निकलने वाले कचरे की प्रोसेसिंग होने से स्वच्छता भी दिखेगी. इसके अलावा कमाई भी की जा सकती है. पांच ”आर” में रिफ्यूज, रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल व रिकवर शामिल हैं.
गांवों को स्वच्छ व सुंदर बनाने की योजना
प्लास्टिक कचरे को लेकर इसकी शुरुआत रिफ्यूज से होनी है. इसके लिए लोगों के बीच प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की योजना है. प्लास्टिक पॉलिथिन हर तरह से खतरनाक है. इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए गांव-गांव अभियान चलाया जायेगा. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत गांवों को स्वच्छ व सुंदर बनाने की योजना है.
कचरा प्रोसेसिंग कर हो सकती है कमाई
सूत्र ने बताया कि घरों से निकलने वाले सूखा व गीला कचरे की अलग-अलग प्रोसेसिंग कर कमाई की जा सकती है. गीला कचरे से कंपोस्ट बना कर उसे बेचा जा सकता है. इसके लिए कंपोस्ट पीट बनाने की योजना है. प्लास्टिक कचरे की छंटाई के बाद रिसाइकल कर उससे शीट बना कर उसकी बिक्री की जा सकती. इसके लिए सभी पंचायतों में कचरा प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण होना है. इसके लिए 15वें वित्त आयोग से राशि का प्रावधान है.
40 पंचायतों में कचरा प्रोसेसिंग यूनिट कारगर
पटना जिले में 40 पंचायतों में कचरा प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण हुआ है. यहां पर सूखा व गीला कचरा को अलग-अलग कर प्रोससिंग की जा रही है. सोनमई पंचायत में इस काम की सराहना हो रही है. मोर पूर्वी पंचायत में भी इस पर काम हो रहा है.
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क्या है फाइव आर
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रिफ्यूज- प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना है.
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रिड्यूज – अगर जरूरत हो, तो प्लास्टिक के उपयोग को कम-से-कम करना है.
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रियूज- खराब प्लास्टिक का उपयोग सीमेंट फैक्ट्री, सड़क व पुल निर्माण आदि में करना.
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रिसाइकल- प्लास्टिक को रिसाइकिल कर प्लास्टिक की शीट आदि का निर्माण
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रिकवर- घरों से निकलने वाले गंदे पानी को दोबारा प्रयोग के लिए तैयार करना है.