यूं ही गुजर गये पांच साल, बिहार के 16 जिलों में एक इंच भी नहीं बनी एनएच
सितंबर 2022 के बाद से इन सभी 16 जिलों में एनएच की कई परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है. वहीं अप्रैल 2017 से सितंबर 2022 तक करीब इन पांच साल में राज्य के अन्य 22 जिलों में करीब 1060 किमी लंबाई में एनएच का निर्माण किया गया.
कृष्ण कुमार, पटना. राज्य में अप्रैल 2017 से सितंबर 2022 तक 16 जिले ऐसे हैं, जहां एक इंच भी एनएच का निर्माण नहीं हुआ. इसमें अरवल, नवादा, औरंगाबाद, सीवान, सीतामढ़ी, शिवहर, बेगूसराय, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, खगड़िया, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और कटिहार जिले शामिल हैं. हालांकि सितंबर 2022 के बाद से इन सभी 16 जिलों में एनएच की कई परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है. वहीं अप्रैल 2017 से सितंबर 2022 तक करीब इन पांच साल में राज्य के अन्य 22 जिलों में करीब 1060 किमी लंबाई में एनएच का निर्माण किया गया.
16 जिलों की सूची
अरवल, नवादा, औरंगाबाद, सीवान, सीतामढ़ी, शिवहर, बेगूसराय, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, खगड़िया, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और कटिहार.
2020 में राज्य में करीब 627 किमी एनएच का टेंडर हुआ
सूत्रों के अनुसार 2017 से 2019 तक एनएच निर्माण की धीमी प्रगति रही. साल 2020 में राज्य में करीब 627 किमी एनएच का टेंडर हुआ. इसके बाद केंद्र सरकार ने एनएचएआई को साल 2021 में बिहार में करीब 817 किमी एनएच का टेंडर करने का लक्ष्य दिया था. इस पर काम करते हुये एनएचएआई ने 2021 में बिहार में करीब 857 किमी एनएच का टेंडर करने का लक्ष्य तय किया. इसकी प्रक्रिया शुरू करने पर बात हुई, लेकिन एक किमी भी एनएच निर्माण के लिए टेंडर नहीं हुआ. साथ ही एनएचएआई की यह योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई. इसके बाद साल 2022 में राज्य में करीब 400 किमी एनएच का टेंडर जारी करने का लक्ष्य एनएचएआई को दिया गया. यह लगभग पूरा हो चुका है.
जमीन अधिग्रहण की परेशानी
सूत्रों के अनुसार राज्य में एनएच निर्माण में सबसे अधिक परेशानी जमीन अधिग्रहण की समस्या है. मानक के अनुसार करीब 80 फीसदी जमीन का अधिग्रहण होने या उसकी प्रक्रिया चलने के बाद ही निर्माण एजेंसी के चयन के लिए टेंडर होता है. ऐसे में एनएच परियोजनाओं में 80 फीसदी कम जमीन अधिग्रहण होने पर निर्माण की प्रक्रिया लटक जाती है. इसके साथ ही राज्य में कई मामलों में एजेंसियों की लेट-लतीफी की वजह से भी एनएच परियोजनाओं में देरी होती है.
पड़ोसी राज्यों में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में बनी एनएच
वहीं 2015 से 2022 तक बिहार में करीब 1239 किमी लंबाई में एनएच बनी. इस अवधि में उत्तर प्रदेश में करीब 3762 किमी लंबाई में एनएच बनी. झारखंड में इस दौरान करीब 798 किमी लंबाई में एनएच का निर्माण हुआ. पश्चिम बंगाल में करीब 765 किमी लंबाई में एनएच बनी और ओडिशा में करीब 1252 किमी लंबाई में एनएच का निर्माण हुआ. इस अवधि में सबसे अधिक लंबाई में महाराष्ट्र में एनएच का निर्माण हुआ. वहां करीब 11 हजार 269 किमी लंबाई में एनएच का निर्माण किया गया.